दीपक भारद्वाज
सितारगंज। सितारगंज में बीती 18 तारीख को बैंक और साहूकारों के कर्ज के बोझ के नीचे दबे किसान के जहर खाकर आत्महत्या कर लेने के बाद क्षेत्र के किसानों ने सरकार और प्रशासन के ढिलमुल रवैये और किसान के परिवार की कोई सुध न लेने को लेकर आक्रोश देखने को मिला। क्षेत्र के किसानों ने नगर स्थित गुरुद्वारा साहिब में बड़ी संख्या में एकत्र होकर महापंचायत की और सरकार को किसानों की विरोधी सरकार करार दिया। उसके बाद किसान तहसील परिसर पहुंचे और एसडीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौपा।किसानों का कहना था कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन और सरकार की तरफ से किसान के परिवार को सांत्वना देने तक के लिए नही पहुंचा ।किसानों ने कहां कि प्रशासन किसान की मौत कर्ज और साहूकारों के बोझ के नीचे दबे मानने को तैयार नही है और मामले को टालने में लगा हुआ है जबकि गांव के सभी किसानों को इसकी जानकारी है।कि किसान ने बैंक कर्ज और साहूकारों के कर्ज के बढ़ते दबाव को लेकर खुदकुशी की है ।वही किसानों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को किसान विरोध सरकार बताया उनका कहना है कि किसानों को उनकी फसल के सही दाम नही मिल रहे है और किसानों के साथ जिन वायदों के साथ सरकार सत्ता में आई उसे पूरा करने में नाकामयाब साबित हुई। जब तक स्वामीनाथन की रिपोर्ट सरकार लागू नहीं करती तबतक किसान यूँ ही मरते रहेंगें।