पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी मिलने के तत्काल बाद अभिनव कुमार ने अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि उत्तराखंड अपेक्षाकृत शांत प्रदेश है। बेतहर कानून व्यवस्था प्रदेश की पहचान है, इसलिए कानून व्यवस्था के मोर्चे पर कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। अभिनव कुमार ने कहा कि पुलिस फोर्स अपराधियों के प्रति सख्ती से पेश आएगी।

दूसरी तरफ आम लोगों के प्रति पुलिस ज्यादा मित्रवत व्यवहार करेगी। स्थानीय लोगों के साथ ही उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों के प्रति पुलिस एक सहयोगी के रूप में पेश आएगी। इसके अलावा रोजमर्रा के काम में भी पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आएगा। अभिनव कुमार ने कहा कि वो पुलिस के संसाधन और सुविधा बढ़ाने के लिए भी प्रयास करेंगे। इसके लिए पहले से ही कई प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही पुलिस जांच, अभियोजन जैसी प्रक्रिया को ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा।बतौर कप्तान अभिनव से खौफ खाते थे बदमाश

उत्तराखंड के सबसे तेज तरार आईपीएस माने जाने वाले अभिनव कुमार का अपराधियों में आज भी खौफ है। उनके 2004 से 2007 तक हरिद्वार एसएसपी रहते हुए 12 इनामी व कुख्यात बदमाशों के एकाउंटर हुए। जबकि कई नामी बदमाशों को जेल भी भेजा गया।

अभिनव कुमार के समय में ही दो लाख के इनामी कुख्यात अंग्रेज सिंह को नागपुर में मार गिराया गया था। अंग्रेज सिंह पुलिसकर्मियों पर हमला करके फरार हुआ था। उसके बाद वह नागपुर में छिप गया था। करीब एक साल तक अभिनव कुमार उनकी तलाश में खुद लगे रहे। इसके बाद 2007 में तत्कालीन एसओजी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर आरबी चमोली व उनकी टीम ने तड़के एक होटल में अंग्रेज सिंह को मार गिराया। यही नहीं पौड़ी जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी को तो उन्होंने खुद ही लक्सर में ट्रेन रुकवाकर यूपी पुलिस की कस्टडी से गिरफ्तार किया था। राठी ने बरेली जेल से हरिद्वार के एक व्यापारी से रंगदारी मांगी थी। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के पचास हजार के इनामी बदमाश अजीत दाह को भी उनके समय में हरिद्वार पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। उनके समय में हरिद्वार पुलिस ने उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई जगह एनकाउंटर किए थे।अभिनव कुमार के समय में हरिद्वार एसओजी का पश्चिमी यूपी के बदमाशों व मुंबई अंडरवर्ल्ड सहित आसपास के कई इलाकों में खौफ था। उनके कार्यकाल में हरिद्वार में करोड़ों की इलाहाबाद बैंक डकैती के मुख्य आरोपी टीपू यादव को भी पुलिस कस्टडी से भागते वक्त पुलिस ने मार गिराया था। वह चलती ट्रेन से पुलिसकर्मियों पर हमला कर भागने की फिराक में था। इसके अलावा हरिद्वार में अभिनव कुमार के कार्यकाल में ही कांग्रेसी नेता मौलाना मसूद मदनी को धरने से उठाकर उनके खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की थी। ये प्रकरण उस वक्त काफी चर्चित रहा था