देहरादून। fda के फूड डिपार्टमेंट में तैनात “लप्पूझरना” अफसर का एक और बड़ा और मजेदार खेला सामने आया है।
दरसअल, इन साहब ने पिछले दिनों खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के कार्यभार में हुए फेरबदल का फायदा उठाते हुए उसमें अपने लिए नई गुंजाइशें तलाश डाली है। विदित हो कि बीते जून में हुए तबादलों के फलस्वरूप देहरादून जिले में केवल दो ही वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रह गए। इनमें एक को नगर निगम द्वितीय और दूसरे को मुख्यालय एवं विकासनगर, मसूरी की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। जबकि नगर निगम प्रथम के बारे में तबादलों में कुछ नहीं कहा गया।

जानकारों का कहना है कि आदेशों से स्वतः स्पष्ट है कि नगर निगम प्रथम उसी अधिकारी के पास बना रहेगा जिसके पास पहले था लेकिन इन महाशय को लगा कि ये उसके लिए बेहतरीन अवसर है प्रभारी अधिकारी रहते हुए नगर निगम एक का कार्यभार लेने का भी। इस हेतु एक पत्र 20 जून को ही साहब ने इस संबंध में आयुक्त को प्रेषित कर डाला जिसमें शातिर तरीके से अपने अधीनस्थ कार्यरत दोनों वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को तबादला आदेशों के लिहाज से कार्य आवंटन भी कर दिया। इस आदेश पर आयुक्त ने डिप्टी commisoner के लिए file put up करने की टिप्पणी मात्र लिखी।

जबकि, इन साहब ने kindly put up का दूसरा अर्थ अपने लिहाज से निकालते हुए एक आदेश अपने स्तर से देहरादून जिले में कर डाला जिसमें नगर निगम प्रथम का कार्यभार अपने पास रख लिया जबकि तबादला आदेशों में इन साहब के नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं था। इतनी कसरत क्यों कि गयी ये भी सभी वाकिफ हैं। अपनी ओर से किये आदेशों में मानुभाव ने खुद को downgrade करते हुए ये कार्यभार हथिया लिया जबकि अभी आयुक्त व मुख्यालय स्तर से इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

fda मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि  देहरादून में नगर निगम प्रथम के आवंटन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
वहीं, विभागीय अधिकारियों में भी ये प्रकरण और ये अफसर चर्चा का विषय बना हुआ है। सबका यही मत है कि सिर्फ क्षेत्र प्राप्त करने के लिए खुद को downgrade करना मुनासिब नहीं है। इससे पद की प्रतिष्ठा और गरिमा दोनों में गिरावट आती है। खैर, महाशय के तो कहने ही क्या….

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