Home उत्तराखण्ड हमको दिल्ली से पास चाइना पडता है सरकार  

हमको दिल्ली से पास चाइना पडता है सरकार  

583
0
SHARE

हमको दिल्ली से पास चाइना पडता है सरकार
जोशीमठ के निराश व्यापारियों ने सरकार की ओर से हेंलग मारवाड़ी बाईपास पर सकारात्मक पहल ना होने पर निराशाजनक बयान देते हुए कहा है कि या तो हमें बाईपास जोशीमठ के पास से बना कर दीजिए या फिर हमें चाइना में शामिल कर दीजिए।
जोशीमठ के व्यापारियों ने कहा कि अगर बाईपास बन गया तो जोशीमठ का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा और हमें यहां से मजबूरन पलायन करना पड़ेगा लेकिन अगर हमें पहाड़ छोड़कर पलायन करना ही पड़ा तो हम भारत देश से चाइना देश में चले जाएंगे क्योंकि जोशीमठ से दिल्ली दूर है चाइना नहीं ,
व्यापार सभा अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी ने कहा कि हम बार-बार शासन प्रशासन को हेंलग मारवाड़ी बाईपास जोशीमठ से जोड़ने की बात कह_कर थक चुके हैं लेकिन अभी तक इस और कोई सकारात्मक पहल राज्य सरकार और केंद्र सरकार से होती नहीं दिखाई दे रही है ।
इसलिए अब जब हमसे हमारे नगर का अस्तित्व छिना जा रहा है तो हम क्यों ना यहां से ही पलायन कर चाइना सीमा की तरफ चले जाएं नैन सिंह भंडारी के साथ-साथ जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में यात्रा काल में प्रसाद का व्यापार करने वाले अजय कंवाण का कहना है कि मेरे बाल बच्चे प्रसाद बिक्री से ही पल रहे थे लेकिन अब जब जोशीमठ दूर बाईपास बना दिया जाएगा तो मेरी रोजी-रोटी बंद हो जाएगी इसलिए सरकार को बायपास जोशीमठ से ही बनाना चाहिए ।
वहीं पूरे मामले में चिंता जताते हुए बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि जोशीमठ धार्मिक एवं आध्यात्मिक नगरी रही है जोशीमठ को बाईपास से दूर करना ठीक नहीं होगा क्योंकि यहां पर मान्यता अनुसार बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने वाला यात्री सर्वप्रथम भगवान नरसिंह के दर्शन करता है उसके बाद उसकी यात्रा सफल मानी जाती है ।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी ऑल वेदर रोड योजना के तहत जोशीमठ से 20 किमी पहले ही हेंलग_ मारवाड़ी बाईपास का काम जल्द ही शुरू होने वाला है जिसका जोशीमठ क्षेत्र के लोग पिछले कई सालों से ही विरोध कर रहे हैं हालांकि जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने विकल्प के रूप में जोशीमठ के पास सिंहधार से बाईपास बनाने की शर्त रखी है लेकिन आपसी सहमति न होने के कारण आब बार बार विरोध के बाद बीआरओ ने साफ कर दिया है कि सड़क को हेलग से बनाया जाएगा जिसकी दूरी लगभग 5.85 है यानी कि बद्रीनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को लगभग 30 किलोमीटर शार्ट रास्ता आने वाले भविष्य में यात्रा के दौरान कम तय करना पड़ेगा यहा ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि बीआरओ ने जहां सरकार को यह तर्क दिया है की हेंलग मारवाड़ी बाईपास बनने के बाद चीन सीमा पर सेना के वाहनों को जाने मे आसानी होगी पर दूसरी तरफ नीति घाटी बॉर्डर से जो मार्ग चीन सीमा को जोड़ता है वह मार्ग जोशीमठ शहर के बीचों बीच से होकर जाता है लेकिन माणा बॉर्डर बद्रीनाथ धाम से होते हुए गुजरता है तो इस बॉर्डर को जोड़ने वाली सड़क हेंलग से जा सकती है लेकिन निती घाटी मोटर मार्ग को जोड़ने वाला मार्ग जोशीमठ शहर से होकर गुजरता है
इसलिए लोगों का कहना है कि दोनों सीमाओं को जोड़ने वाले मार्ग को अणिमठ,सेंलग,पैनी आदि जगहों से ही सड़क के चौड़ीकरण कर पहुंचाया जा सकता है इससे दोनों सीमाएं भी जुड़ेंगे और जोशीमठ का भी अस्तित्व बचा रहेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here