तैयारी- अब वोटर आईडी कार्ड जुड़ेगा आधार के साथ, फर्जी वोटों पर लगेगी लगाम – EC
वोटर आईडी से क्यों लिंक किया जा रहा आधार कार्ड, EC और गृह मंत्रालय के फैसले के पीछे की वजह क्या ?
निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड को आपस में जोड़ने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने बयान जारी कर इसके बारे में जानकारी दी है।
वोटर आईडी से क्यों लिंक किया जा रहा आधार कार्ड, EC और गृह मंत्रालय के फैसले के पीछे की वजह क्या, 5 पॉइंट्स में समझें
Aadhar-Voter ID linking reason: पैन कार्ड की तरह अब वोटर आईडी कार्ड भी आधार से जोड़ा जाएगा। इस सिलसिले में मंगलवार को एक अहम बैठक की गई । निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड को आपस में जोड़ने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने बयान जारी कर बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार EPIC को आधार से जोड़ा जाएगा । यानि कि अब आने वाले कुछ महीनों में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा।
सीईसी ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन सदन में ईसी डॉ.सुखबीर सिंह संधू और डॉ.विवेक जोशी के साथ मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव- विधायी विभाग के सचिव, एमईआईटीवाई के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की. बयान में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग 1950 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 326 और सर्वोच्च न्यायालय के संबंधित निर्णयों के अनुसार ईपीआईसी को आधार से जोड़ने के लिए कदम उठाएगा।
वोट का अधिकार और आधार का संबंध ?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिकों को दिया जा सकता है, जबकि आधार कार्ड केवल किसी व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करता है। दोनों ही कार्डों को आपस में लिंक करने से फर्जी वोटिंग को रोका जा सकता है इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया है । गौरतलब है कि मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुरूप तथा डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार ही की जाएगी. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी परामर्श शुरू किया जाएगा।