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38वें राष्ट्रीय खेलों का हुआ भव्य समापन

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38वें राष्ट्रीय खेलों का हुआ भव्य समापन उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान- केंद्रीय गृह मंत्री शाह ...

मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतिम दिन ‘मौली संवाद’ में की शिरकत

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मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतिम दिन 'मौली संवाद' में की शिरकत देहरादून:  38वें राष्ट्रीय खेल के समापन अवसर पर ‘मौली संवाद: नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस सत्र की शुरुआत ‘देवभूमि बनी खेलभूमि’ गीत से हुई। इस कार्यक्रम में माननीय वन विभाग मंत्री सुबोध उनियाल, 38वें राष्ट्रीय खेल के सीईओ अमित सिन्हा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी जी ने कहा कि उत्तराखंड ने पूरे खेलों की मेजबानी अपने राज्य में की, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया कि 37वें राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड 25वें स्थान पर था, जबकि इस बार छठे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने इस उपलब्धि को खिलाड़ियों, आयोजकों और राज्य की खेल नीति का परिणाम बताया। खेल वन की स्थापना और पर्यावरण संरक्षण पर जोर मुख्यमंत्री धामी जी ने ‘खेल वन’ की स्थापना के तहत स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ मिलकर पौधारोपण किया। इस पहल का उद्देश्य खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि इस बार के राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ के रूप में आयोजित किया गया, जहां हर संभव संसाधन का पुनः उपयोग किया गया। पुरस्कार ई-वेस्ट से बनाए गए, कोई खाद्य अपशिष्ट नहीं हुआ और स्वर्ण पदक विजेता द्वारा 1600 रुद्राक्ष के पेड़ लगाए गए। साथ ही 2.77 हेक्टेयर भूमि को ‘वनभूमि’ के रूप में विकसित किया गया। महिलाओं के लिए ‘ड्रोन दीदी’ पहल  मुख्यमंत्री ने ‘ड्रोन दीदी’ पहल के बारे में भी चर्चा की, जिसके अंतर्गत 52 महिलाओं को ड्रोन तकनीक की 330 घंटे की ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग में असेंबली, उड़ान और कंप्यूटर सिस्टम की शिक्षा दी गई। इनमें से परीक्षा के बाद 5 महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिनमें आंचल आर्या, शिखा, काजल कुमार, प्रियंशी और प्रियंका आर्या शामिल हैं। इस पहल के पीछे के मुख्य व्यक्ति अविनाश चंद्रपाल को भी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय खेल की उपलब्धियां 38वें राष्ट्रीय खेल के सी.ई.ओ अमित सिन्हा ने बताया कि इस बार राष्ट्रीय खेल का आयोजन उत्तराखंड में 11 विभिन्न स्थलों पर किया गया, जिसमें 8 केंद्र शासित प्रदेशों और सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (SSCB) की भागीदारी रही। कुल 32 खेलों का आयोजन हुआ, जिनमें 4 डेमोंस्ट्रेशन स्पोर्ट्स भी शामिल थे। इन खेलों में 2200 तकनीशियन, 2535 वॉलंटियर और 275 खेल विशेषज्ञ वॉलंटियर ने योगदान दिया। खिलाड़ियों और आयोजन दल के लिए प्रतिदिन 25,000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। इस आयोजन में कुल 17 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए। रात में हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर की राफ्टिंग  मुख्यमंत्री धामी जी ने बताया कि नेपाल-भारत सीमा के पास चंपावत में रात के समय राफ्टिंग का आयोजन किया गया, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड के चकरपुर गांव में प्राचीन भारतीय खेल ‘मल्लखंब’ का आयोजन भी किया गया, जिससे सीमावर्ती गांवों में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिला। कार्यक्रम के अंत में 38वें राष्ट्रीय खेल के सीईओ अमित सिन्हा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी और वन...

38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद...

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38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी। राष्ट्रीय खेलों को लेकर...

उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग शुभारंभ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

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 उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग शुभारंभ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले खेलों से बढ़ती है देश की साख भारत को दुनिया की...

क्लीयर प्रीमियम वॉटर बना 38वें राष्ट्रीय खेल का हाइड्रेशन पार्टनर

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क्लीयर प्रीमियम वॉटर बना 38वें राष्ट्रीय खेल का हाइड्रेशन पार्टनर हल्द्वानी : उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल, कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहे हैं। पहली बार, उत्तराखंड इस खेल आयोजन की मेजबानी करेगा, और, इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार विशेष रूप से 38वें राष्ट्रीय खेल को 'ग्रीन गेम्स' के रूप में प्रस्तुत करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, क्लीयर प्रीमियम वॉटर को राष्ट्रीय खेल, 2025 के लिए हाइड्रेशन पार्टनर नियुक्त किया गया है। भारत में पहली बार, क्लीयर प्रीमियम वॉटर इन खेलों के लिए 100% रिसाइकल्ड बोतलें पेश करेगा। इस साझेदारी की आधिकारिक घोषणा 12 जनवरी 2025 को हल्द्वानी में राष्ट्रीय युवा दिवस के कार्यक्रम के दौरान की गई। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की माननीय खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, उत्तराखंड के माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, माननीय सांसद अजय भट्ट और राज्य के खेल विभाग के अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर माननीय खेल मंत्री ने कहा, "हम आगामी राष्ट्रीय खेल के लिए 'ग्रीन गेम्स' पहल को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पहल के तहत खिलाड़ियों को मिलने वाले सभी पदक और ट्रॉफियां, रिसाइकल्ड ई-वेस्ट से बनाए गए हैं। साथ ही, रिसाइकल्ड बोतलों का उपयोग एक और महत्वपूर्ण कदम है। हमारा उद्देश्य 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 को 'ग्रीन गेम्स' के रूप में यादगार बनाना है।"* क्लीयर प्रीमियम वॉटर इन खेलों के लिए जल आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करेगा। इस्तेमाल की गई बोतलों को इकट्ठा कर के रीसायकल कर कलाकृतियों में बदल दिया जाएगा, जिन्हें उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में स्थापित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय खेल की स्थायी विरासत होगी। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के सी.ई.ओ और विशेष प्रधान सचिव, श्री अमित सिन्हा ने कहा, "हमें क्लीयर प्रीमियम वॉटर को हमारे आधिकारिक हाइड्रेशन पार्टनर के रूप में शामिल करते हुए खुशी हो रही है। इस टूर्नामेंट के लिए भारत की पहली रिसाइकल्ड बोतलों की शुरुआत क्लीयर के पर्यावरणीय प्रयासों और हमारे 'ग्रीन गेम्स' के उद्देश्यों को बखूबी दर्शाती है।" साथ ही, क्लीयर प्रीमियम वॉटर राष्ट्रीय खेल की कचरा प्रबंधन टीम से अपनी रीसाइक्लिंग प्रक्रिया की विशेषज्ञता साझा करेगा। क्लीयर प्रीमियम वॉटर के संस्थापक एवं सीईओ नयन शाह ने कहा, "क्लीयर प्रीमियम वॉटर में हमारा मानना है कि नवीनीकरण और सस्टैनिबिलिटी साथ-साथ चलते हैं। 100% रिसाइकल्ड बोतलों की शुरुआत के साथ 38वें राष्ट्रीय खेल का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व का क्षण है। हमारा उद्देश्य केवल हाइड्रेशन प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह दिखाना है कि कैसे व्यवसाय और आयोजन एक साथ आकर पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।" 38वें राष्ट्रीय खेल न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल के रूप में भी अपनी पहचान बनाएंगे।
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