रिपोर्ट / गिरीश चंदोला
स्थान / थराली
थराली।आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक रूप से प्रति वर्ष भादों मास में शुरू होने वाली श्री नंदा लोकजात यात्रा का कार्यक्रम आयोजन समिति ने तैय कर जारी कर दिया है। इस के तहत 14अगस्त से 1 सितंबर तक यात्रा आयोजित होगी,इस दौरान कोरोरा संक्रमण को लेकर जारी नियम, कायदे, कानून का पूरी तरह से पालन करना होगा।
उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध श्री नंदा देवी राजजात यात्रा के आयोजन को लेकर पहले से ही कोरोनावायरस संक्रमण के चलते तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे। यहां तक की यात्रा के आयोजन होने अथवा इस साल इसे स्थगित करने तक के प्रश्न उठने लगे थे। परन्तु बुधवार को सिद्धपीठ कुरूड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं आयोजन कमेटी के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भेंट कर यात्रा के संबंध में विचार विमर्श किया।जिस पर डीएम ने नंदा की ऐतिहासिक उत्तसव डोली के साथ मात्र 10 ही लोगों के रहने एवं यात्रा पड़ावों पर सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही इस व्यवस्था में प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराने के बाद आयोजन समिति कुरूड़ ने आज गुरुवार को यात्रा का विधिवत कार्यक्रम जारी कर दिया है। समिति के अध्यक्ष मंशाराम गौड़, धनीराम गौड़, योगेश्वर गौड़,राजेश गौड़ आदि ने कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि नंदा का उत्तसव डोली कुरूड़ मंदिर के गर्भगृह से 14 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ बहार निकाल जाएगा। और कुछ देर डोला वही पर दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए रखने के बाद सीधे अपने पहले पड़ाव चरबंग के लिए रवाना हो जाएगी। पिछले वर्षों तक डोले के गर्भगृह से निकलने के बाद दो दिनों तक दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए कुरूड़ मंदिर के प्रांगण में ही रखा जाता रहा हैं। किंतु कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस परंपरा को बदला गया हैं।
कार्यक्रम के अनुसार 14को पहले पड़ाव चरबंग के बाद 15अगस्त को चरबंग से धरगांव शिवमन्दिर होते हुए रात्रि विश्राम के लिए उस्तोली गांव पहुंचेगी,16को उस्तोली से सरपानी,लाखी होते हुए भेटी,17को भेटी से स्वारी, बंगाली होते हुए थराली ब्लाक के डुंग्री गांव पहुंचेगी,18 को डुंग्री से केरा,मैन होते हुए सूना 19 को सूना, थराली,राड़ीबगड़ होते हुए चेपड़ो 20 को चेपड़ो से कोठी होते हुए धरामल्ला,21को धरामल्ला से देवाल,इच्छोली,हाट होते हुए फल्दियागांव,22को फल्दियागांव से कांडे,पिलखडा़,ल्वाणी होते हुए मुंदोली 23 को मंदोली से लोहाजंग,कर्जाबगड़ होते हुए लाटूधाम वांण गांव पहुंचेगी,24 को वांण से रणकाधार,कैलगंगा होते हुए निर्जन पड़ाव गैरोली पातल पहुचेगी,25 अगस्त को गैरोली पातल से वेदनी बुग्याल यात्रा पहुंचेगी जहां पर वेदनी कुंड़ के पास स्थित नंदा मंदिर में जात (देवी की विशेष पूजा) के साथ ही पित्रों को तर्पण के साथ ही यात्रा वेदनी से दोपहर बाद आली बुग्याल होते हुए बांक गांव रात्रि विश्राम के लिए पहुचेगी,26 अगस्त को यात्रा बांक से ल्वाणी,27को ल्वाणी से उलंग्रा,28 को उलंग्रा से बेराधार,29को बेराधार से गोठिंड़ा 30 को गोठिंड़ा से कुराड़ ,31 अगस्त को कुराड़ से ढुंगाखोली एवं 1 सितंबर को ढुंगाखोली से भेटा होते हुए नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा गांव पहुंचेगी जहां पर विधि-विधान के साथ श्री नंदा देवी की ड़ोली को अगले छ: माह के प्रवास के लिए मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।