जोशीमठ के अधिवक्ता रमेश सती ने आज उपजिलाधिकारी जोशीमठ को पत्र लिखकर एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना के द्वारा 1 मई से 10 मई तक संविदा कर्मचारियों की सर्विस ब्रेक लगाए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात की है उन्होंने कहा है कि एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना ने अपने संविदा कर्मचारियों की सर्विस को ब्रेक कर दिया है और कहा है कि वह 1 मई से 10 मई तक अपने पद पर उपस्थित नही रह सकते हैं रमेश सती ने पत्र लिखकर इस पर नाराजगी जताते हुए उपजिलाधिकारी जोशीमठ और जिलाधिकारी चमोली को कार्रवाई करने की बात कही है दरसल हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया था कि कोई भी संस्थान अपने संविदा कर्मचारियों को बीच में ब्रेक नहीं दे सकता है बल्कि उनको परमानेंट करने के कोर्ट ने पूर्व में ही आदेश दिए है ।
इस पूरे मामले में परियोजना का मकसद यह भी हो सकता है कि अगर कोई भी सर्विस कर्मी कोर्ट में जाता है तो परियोजनाऐं उसे 10 दिन का सर्विस ब्रेक दिखा कर अपना पल्ला साफ कर सकती है
लेकिन अधिवक्ता रमेश सती ने इस पूरे मामले में शासन प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग कही है
और एनटीपीसी के द्वारा सर्विस ब्रेक किए गए सभी कर्मचारियों को वापस लेने की मांग की है