देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में उत्तराखण्ड के कर्मचारियों को अपना ही पैसा मांगना भारी पड़ गया है। एनएचएम मिशन डायेक्टर की तरफ से एनएचएम राज्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है।
यह नोटिस 31 मार्च के घटनाक्रम से जुड़ा है। वित्त वर्ष का आखिरी दिन होने की वजह से राज्य एनएचएम कर्मचारियों ने मिशन डायरेकटर से अपने ही हक का पैसा मांगा था। कर्मचारियों ने 5 प्रतिशत इन्क्रिमेंट और रिवाइज़्ड सैलरी देने की मांग को लेकर मुलाकात की थी। कर्मचारी देर शाम तक अपनी मांग पर अड़े रहे थे। इसके बाद मिशन निदेशक ने रात 8 बजे कर्मचारियों को उनका पैसा देने का ने आश्वासन दिया और ऐसा लग रहा था कि मामला शांत हो गया। इसके 21 दिन बाद एनएचएम मिशन निदेशक ने सभी कर्मचारियों को नोटिस देकर काम में व्यवधान डालने का नोटिस थमा दिया। नोटिस में कहा गया है कि 2 दिन में सभी कर्मचारियों को इसका जवाब देना होगा। एनएचएम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर संजय चौहान कहते हैं कि यह नोटिस जारी करने से साफ़ है कि कर्मचारियों द्वारा अपना हक़ मांगने को अधिकारी अपना अपमान मान रहे हैं। चौहान चेतावनी देते हैं कि इस तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यूनियन इसका पुरज़ोर विरोध करेगी।