उत्तरकाशी। वर्तमान में जहाँ मानवीय संवेदनाए समाप्त होती जा रही है वही जानवर की ऐसी वफादारी अपने आपमे एक मिसाल है। कुत्ते को ऐसे ही वफादार नही कहा जाता, जो मालिक के लिए अपना जीवन तक समर्पित करता है। इसका जीता-जागता प्रमाण घनसाली के एक गांव में देखने को मिला जहाँ कुत्ते के मालिक की मृत्यु पर कुत्ता अंतिम यात्रा में शामिल ही नहीं हुआ बल्कि चिता की परिक्रमा भी की ।
घनसाली के गनगर गाव के एक वफादार कुत्ते ने अपनी दोस्ती व वफादारी अपने मालिक के साथ अंतिम यात्रा तक निभायी। घनसाली के गनगर गांव निवासी भगवत प्रसाद जोशी का देहांत बीती रात हो गया था, मालिक की हलचल न होने पर बेजुबान जानवर को मालिक की हलचल व अनुपस्थिति का आभास हुआ ही होगा, जब भगवत जोशी के शव को अंत्येष्टि के लिए परिजन व पड़ोसी लेकर निकले तो कुत्ता भी शव के साथ चल पड़ा ओर शमशान घाट तक जा पहुँचा और चिता को मुखगनि देने से पहले कुत्ते ने चिता की परिक्रमा की फिर चिता के पूरे जलने तक वही रुका रहा और चिता के जलने के बाद फिर चिता की परिक्रमा की,और नदी में स्नान कर वापस घर की तरफ चल दिया, कुत्ते की इस हरकत को कुछ लोगों ने कवरेज भी की जो काफी वायरल हो रही है। इसे कहते है वफादारी, जो इंसान के लिए एक नजीर तक बन गयी।

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