उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल क्षेत्र में स्थित ये भीमेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन समय से मौजूद है। माना जाता है कि लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व से ये मंदिर यहाँ मौजूद है। कहा जाता है कि यहाँ पर शिव लिंग कि स्थापना पांडव पुत्रांे द्वारा किया गई है। चंद्वंशी राजा बाज बहादुर चन्द्र द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया जो प्राचीन पत्थरों से बना है,व वह शिवलिंग जो पांडव पुत्रांे के द्वारा बनाया गया वह उस मंदिर के भीतर आज भी उसी स्थान पर मौजूद है। सन 1887 में डेम का निर्माण होने के बाद से इस स्थान में मंदिर में समय-समय बदलाव होते गए, मंदिर के भीतर शिव लिंग को तांबे से ढंका गया जिसमे एक छोटा स कट लग गया था जिस वजह से इसे ढंका गया।
शक्तिशाली महाभारत चरित्र भीम के नाम पर भीमताल के तट में भीमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। स्कंद्पुरांड के अनुसार भीम द्वारा आसपास के मंदिर का दौरा करने के बाद भीम पहाड़ पर चड़ने लगे तो उनको आकाश से एक दिव्य आवाज बताती है कि यदि वह अपने नाम को पीढियों तक याद रखना चाहते है तो उन्हें अपनी भक्ति से शिव का एक मंदिर स्थापित करना होगा इसी कारण भीमताल झील के तट पर स्थित , भीमेश्वर महादेव मंदिर भीम के द्वारा भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है ।