आने वाले दिनों में उत्तराखंड में भी बिजली का संकट देखने को मिल सकता है जिसका बड़ा कारण केंद्रीय पूल से राज्य को मिलने वाली बिजली में कटौती है दरअसल, देश मे कोयले की कमी के चलते बडा असर कोल से उत्पादन होने वाली बिजली पर पड़ रहा है । क्योंकि देश मे वैकल्पिक ऊर्जा के विकल्प फिलहाल कम हैं और बिजली की खपत को पूरा करने के लिए कोयला अहम भूमिका अदा करता है लेकिन कोयले की कमी से बिजली उत्पादन में बड़ा असर पड़ रहा है । आपको बतादें राज्य को प्रति दिन करीब 41 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत है । और अभी तक राज्य में बिजली उत्पादन से लेकर सोर्स से करीब साढे 40 मिलियन यूनिट बिजली मिल रही है । लेकिन आने वाले दिनों में केन्द्रीय पूल से मिलने वाली बिजली में होने जा रही कटौती के चलते बिजली की किल्लत देखने को मिलेगी । जिसके चलते यूपीसीएल को या तो कोल से मिलने वाली बिजली खरीदनी पड़ेगी जो कि 15 रूपये यूनिट से ज्यादा महंगी है या फिर राज्य में बिजली रोस्टिंग कारपोरेशन करेगा । वहीं मामले में सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि देश में सबसे ज्यादा सस्ती बिजली उत्तराखंड प्रदेश देता है लेकिन महंगी बिजली खरीदने से दिक्कते बढ़ सकती है जिसके लिए सरकार बीच का रास्ता देख रही है।