रुद्रपुर। किसी हादसे के वक्त लोग मानवीय संवेदनाओं का ख्याल नहीं रखते। अक्सर देखा जाता है कि हादसे के बाद लोग तड़प रहे पीडितों की वीडियो तो बनाते हैं, मगर उनकी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ते। भीड़ सिर्फ तमाशबीनों की जमात बन कर रह जाती है। यदि लोग हादसों में पीडि़तों को तत्काल अस्पताल पहुंचाएं तो उनकी जान बच सकती है। किसी की जान बचाने से भला पुण्य का काम क्या हो सकता है? जिले के पुलिस कप्तान डा. सदानंद शंकर राव दाते और खुद जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने इस संबंध में उदाहरण पेश करके समाज को अनुकरणीय संदेश भी दिया है। लोगों को आगे बढ़ कर पीडि़तों की मदद करनी चाहिए।

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