नैनीताल/ऋषिकेश। हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा प्रदेश भर में राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स व पैराग्लाइडिंग पर संपूर्ण रोक लगाने के आदेश जारी होने के बाद भी आज गंगा में रिवर राफ्टिंग संचालित होती रही।
उल्लेखनीय है कि बीते रोज हाईकोर्ट ने ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप की याचिक पर सरकार को निर्देश दिए थे कि दो सप्ताह के भीतर वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए नीति बनायी जाये। जनहित याचिका में बताया गया था कि गंगा तट को राफ्टिंग और वाटर स्पोर्ट्स के नाम पर गंदा किया जा रहा है। नदी के तट पर बने कैंप साइट्स से नदी में गंदगी जा रही हैं जिस पर रोक लगनी चाहिए। याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रदेश की टिहरी झील में जो वाटर स्पोर्ट्स हो रहे हैं वह स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों के लिए घातक साबित हो सकता है। याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व लोकपाल की खंडपीठ ने कहा कि जब तक सरकार सहासिक खेलों के लिए कोई नीति नहीं बना देती तब तक प्रदेश भर में राफ्टिंग, वाटर स्फोर्ट्स और पैराग्लाइडिंग पर रोक लगाये। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी नरेन्द्रनगर लक्ष्मीराज चैहान ने कहा कि उन्हें अभी तक रोक लगाए जाने के आदेश नही मिले है , जब आदेश मिलेंगे तो रोक लगा दी जाएगी। वही राफ्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेन्द्र रावत ने कहा कि रिवर राफ्टिंग व कयाकिंग के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में नियमावली बनायी थी जिसके बाद वर्ष 2015 में संसोधन किया गया जिसके तहत ही वह गंगा में रिवर राफ्टिंग का संचालन कर रहे है, अब माननीय न्यायालय में सरकार ही उनका पक्ष रखे तो बेहतर रहेगा।