शुक्रवार को अंतर मंत्रालयी अधिकारियों के केन्द्रीय दल ने घाट ब्लाक के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर दैवीय आपदा में हुई क्षति का आंकलन किया। सात सदस्यीय केन्द्रीय टीम में शामिल केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल, व्यय एवं वित्त विभाग के निर्देशक थागलेमिलन, कृषि सहकारिता कृषि कल्याण निदेशक विपुल कुमार श्रीवास्तव, जल शक्ति मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता वीरेन्द्र कुमार, ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक सुनील जैन ने घाट ब्लाक में लाखी, बांजबगड, भटियाणा, फाली, कुन्तरी-सैंती, कुरूड गांव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों से आपदा में हुए नुकसान एवं प्रशासन द्वारा किए गए कार्यो की जानकारी ली और प्रभावितों लोगों की समस्याएं भी सुनी। इस दौरान जिलाधिकारी ने केन्द्रीय दल को प्रभावित क्षेत्रों में विगत आपदा के दौरान हुई क्षति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आपदा प्रबन्धन, वित, ऊर्जा, ग्रामीण विकास आदि मंत्रालयों की यह केन्द्रीय टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर आपदा में हुए नुकसान और पुर्नवास योजना की रिपोर्ट तैयार करेगी।

जिलाधिकारी ने केन्द्रीय दल को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून सत्र के दौरान घटित आपदा की जानकारी देते हुए बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्कालिक सहायता के रूप में सभी प्रभावितों में अहैतुक धनराशि व रसद सामग्री पहुॅचायी गई है। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़क, विद्युत एवं पेयजल लाईन को सुचारू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विभागों की क्षतिग्रस्त संपत्तियों का सर्वे कर पुर्नवास एवं पुर्ननिर्माण कार्यो हेतु आंकडे एकत्रित किए गए है तथा संबधित विभागों द्वारा क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुर्ननिर्माण कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने केन्द्रीय टीम को जानकारी देते हुए कहा कि आपदा की दृष्टि से जिले की सभी तहसीलों में आईआरएस टीमें गठित की गई है तथा एनजीओ एवं डीडीएमओ के माध्यम से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आपदा प्रबन्धन हेतु 97 आपदा मित्र भी बनाए गए है। भ्रमण के दौरान राइका बांजबगड में विभिन्न विभागों ने आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी दी।

इस दौरान स्थानीय लोगों ने केन्दीय दल को अवगत कराया कि आपदा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया गया है तथा प्रभावित लोगों तक तत्कालिक सहायता दी गई। जिस पर केन्द्रीय दल ने जिला प्र शासन के कार्यो की सराहना की। निर्वतमान ब्लाक प्रमुख घाट कर्ण सिंह नेगी ने केन्द्रीय दल को सुझाव देते हुए कहा कि पहाडी क्षेत्र को देखते हुए आपदा राहत के मानकों में बदलाव कर राहत राशि को बढाया जाना आवश्यक है।

बताते चलें कि विगत 03 जून को गैरसैंण के लामबगड, 06 अगस्त को जोशीमठ के लामबगड, 08 अगस्त को देवाल ब्लाक के फल्दिया तथा 11 अगस्त की रात्री को घाट ब्लाक के लाखी, बांजबगड, फाली आदि गांवों में बादल फटने, अतिवृष्टि, भूस्खलन व वोल्डर गिरने से भारी जानमाल का नुकसान हुआ था। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में घटित इन आपदाओं में 15 लोग एवं दर्जनों मवेशी मलवे में जिन्दा दफन हो गए थे। इसके अलावा सड़क, पुल, पैदल रास्ते, कृषि भूमि, आवासीय भवन, गौशाला, दुकानों को भी भारी क्षति पहुॅची थी।

केन्द्रीय दल के निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, अधिशासी निदेशक राज्य आपदा प्रबन्धन पियूष रौतेला, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पंाडे, एडीएम एमएस बर्निया, एसडीएम बुशरा अंसारी, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड, तहसीलदार चन्द्रशेखर बशिष्टि सहित बिजली, पानी, सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबन्धन, कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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