उत्तराखंड में हाइब्रिड वाहनों को वन टाइम टैक्स में छूट देने की तैयारी में सरकार, UP के कारण राज्य को हो रहा नुकसान
उत्तराखंड सरकार हाइब्रिड वाहनों (Hybrid Vehicles) को वन टाइम टैक्स में छूट देने की तैयारी में है। यह छूट इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही दी जाएगी। इससे न केवल वाहन स्वामियों को लाभ होगा बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। साथ ही इससे राज्य को जीएसटी राजस्व में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में उत्तराखंड में 4000 से अधिक हाइब्रिड वाहन पंजीकृत हैं।
राज्य सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों की तर्ज पर हाइब्रिड वाहन, यानी पेट्रोल-डीजल व बैटरी से चलने वाले वाहनों को पंजीकरण के दौरान लिए जाने वाले वन टाइम टैक्स में छूट देने जा रही है। इस प्रस्ताव का परीक्षण हो चुका है। अब इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी है।
कैबिनेट यदि अपनी स्वीकृति देती है तो प्रदेश में हाइब्रिड वाहनों पर पंजीकरण के दौरान लगने वाले वन टाइम टैक्स, जो की वाहन की कीमत का लगभग 10 प्रतिशत होता है, से छूट मिल सकती है।
उत्तराखंड में इस समय हाइब्रिड वाहनों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के साथ ही बैटरी से संचालित होने के कारण इनकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। इससे न केवल वाहन स्वामियों को लाभ मिल रहा है, बल्कि इनसे प्रदूषण भी कम हो रहा है। साथ ही ये वाहन अधिक सुरक्षित भी हैं।
ऐसे में इन वाहनों को 10 प्रतिशत छूट देने की तैयारी है। छूट देने का यह कदम इसलिए भी उठाया जा रहा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पहले से ही हाइब्रिड वाहनों को यह छूट दे रहा है। इससे हाइब्रिड वाहन लेने वाले अधिकांश वाहन स्वामी उत्तर प्रदेश से ही वाहन खरीद रहे हैं।
उत्तर प्रदेश से वाहन लेने पर उस वाहन की बिक्री से मिलने वाला जीएसटी भी उत्तर प्रदेश को मिल रहा है। इससे उत्तराखंड को नुकसान हो रहा है। इसी तर्क को आधार बनाते हुए परिवहन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।
संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने कहा कि हाइब्रिड वाहनों को टैक्स में छूट मिलने से राज्य को वाहन की बिक्री से जीएसटी का लाभ मिलेगा। यह प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।