देहरादून जिला प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। अचल संपत्ति की नीलामी के दौरान जिस व्यक्ति ने 10 करोड़ की अधिकतम बोली लगाई, उसके भुगतान की 2.5 करोड़ रुपये की पहली किश्त बाउंस हो गई। दरअसल, उसने सोची समझी साजिश के तहत चेक के भुगतान पर बैंक के माध्यम से रोक लगा दी थी। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर बोलीदाता डिफेंस कालोनी के फ्रेंड्स एन्केल्व निवासी संजीव थपलियाल के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

तहरीर के अनुसार जिला प्रशासन बड़े बकाएदारों की संपत्ति को जब्त कर नीलाम करा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत तहसील सदर में 20 दिसंबर को मौजा चक अजबपुर के 04 खसरा नंबर (कुल रकबा 0.1472 हेक्टेयर) की नीलामी की गई। नीलामी में 04 बोलीदाता सौरभ ममगाईं, नीरज सिंह नेगी, गोपाल दत्त भारद्वाज और संजीव थपलियाल ने भाग लिया। 10 करोड़ रुपये की सर्वोच्च बोली संजीव थपलियाल ने लगाई।

नीलामी की शर्तों के मुताबिक संजीव थपलियाल ने कुल बोली की एक चौथाई राशि 2.5 रुपये का चेक तहसीलदार सदर के पक्ष में अदा कर दिया। लेकिन, इसके बाद संजीव थपलियाल ने बड़ी चालाकी से चेक पर स्टाप पेमेंट लगा दिया। जिस कारण राज्य हित में राजस्व वसूली की प्रक्रिया बाधित हो गई। इसे जिला प्रशासन ने धोखाधड़ी और सरकारी कार्य में बाधा करार दिया। जिलाधिकारी ने इसे आपराधिक कृत्य मानते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे।

लिहाजा, संजीव थपलियाल को राज्य सरकार का बकाएदार मानते हुए और आपराधिक कृत्य का आरोपी मानते हुए एफआईआर कराई गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकारी तंत्र के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई भविष्य के लिए भी नजीर बनेगी और गंभीर बोलीदाता ही नीलामी प्रक्रिया में भाग लेंगे।

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