जोशीमठ से सेना का रेस्क्यू दल भी घटना स्थल के लिए रवाना हो गया है। वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए हैं 23 हजार 360 फीट ऊँचाई के त्रिशूल पर्वत पर आरोहण के लिए गए नौ सेना के पर्वतारोहण दल के साथ हादसे की खबर के बाद सेना भी एलर्ट ही गई है।

बता दे कि नौ सेना का यह पर्वतारोही दल 15 दिन पूर्व त्रिशूल आरोहण के लिए गया था।लेकिन शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे भारी हिमस्खलन होने से दल के 5 सदस्य व 1 पोर्टर के लापता होने की खबर के बाद निम उत्तराकाशी तथा सेना व वायु सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है।सर्च के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भर रहे हैं। जोशीमठ से सेना की 30 सदस्यीय रेस्क्यू टीम घटना स्थल के लिए प्रस्थान कर चुकी है।

त्रिशूल चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के पांच जवानों सहित छह की तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान आज शनिवार सुबह 7 बजे शुरू किया गया। इस दौरान रेस्‍क्‍यू टीम को बर्फ़ में तीन से चार व्यक्ति पड़े हुए दिखे हैं। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि जोशिमठ और त्रिशूल चोटी के आसपास मौसम साफ़ होने से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। रेस्क्यू अभियान में निम उत्तरकाशी की सर्च एंड रेस्क्यू की टीम, हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग, गढ़वाल स्काउट्स से सेना की टीमें शामिल हैं। उन्‍होंने बताया कि हेली रेस्क्यू के दौरान हिमस्खलन वाले क्षेत्र में बर्फ़ में तीन से चार व्यक्ति पड़े हुए दिखे हैं। उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी है। जिनको निकालने के लिए रेस्क्यू चल रहा है।

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