पौड़ी गढ़वाल: देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद विपिन सिंह गुसाईं का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके पैतृक गांव , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्पचक्र कर दी श्रद्धांजलि।
सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड में पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गांव पहुंचकर शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। दोपहर बाद पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा की शहीद के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीद के गांव जाने वाला मोटर मार्ग धारकोट- इठूड का नाम तथा राजकीय इंटर कॉलेज चम्पेश्वर का नाम शहीद विपिन सिंह गुसाईं के नाम पर की जाएगी।
इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय जोगदण्डे, एसएसपी पी रेणुका देवी भी शामिल रहे।
शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे। धारकोट गांव के प्रधान यशवंत गुसाईं ने बताया कि रविवार दोपहर को विपिन सिंह के परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने फोन पर बताया गया था कि विपिन सिंह सियाचिन में शहीद हो गए हैं। शहीद के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है। विपिन सिंह मार्च में छुट्टी पर आए थे।
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