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एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था माध्यम से 29 दीन से लगातार गौ माता की सेवा करते हुए

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स्थान सितारगंज उधम सिंह नगर
रिपोर्टर दीपक भारद्वाज सितारगंज

एकर-एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू कांग्रेस जिला महामंत्री हेमन्त कुमार साहू के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में आम जनमानस को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाने के लिए सम्पूर्ण भारत को 17 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है जिसके चलते शहर की गौ माता को अपना जीवन यापन करने के लिए दरबदर भटकना पड़ रहा है इसलिए संस्था पदाधिकारियों ने गौ माता को भूखा प्यासा ना रहने का संकल्प लेकर सैकड़ों गौ माता को जीवन यापन करने के लिए चारा और पानी पिछले 29 दिनों से लगातार देकर गौ माता की सेवा कर रहे हैं
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू कांग्रेस महामंत्री हेमन्त कुमार साहू ने संयुक्त रूप से कहा की लॉकडाउन के चलते हैं हल्द्वानी शहर की गायों के लिए नगर निगम के द्वारा चारा पानी की व्यवस्था ना कराऐ जाने से गायों को अपना जीवन यापन करने में बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है और पूर्व की भांति हल्द्वानी शहर में गौशाला ना होने के कारण से गायों को पिछले कई वर्षों से सड़कों में घूम घूम कर शहर के चौराहों में अपना जीवन गुजर बसर करने के लिए मजबूर हो गई हैं जिस कारण से शहर की यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से कभी कभी सुचारू नहीं हो पाती है जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और यातायात बाधित होने से कई गाय वाहनों की चपेट में आ जाती हैं जिससे गायों कि मौत का खतरा लगातार बना रहता है इसके बावजूद भी नगर निगम की तरफ से आज तक गौशाला बनाने की कोई पहल नहीं की गई जबकि वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय के गोबर में विटामिन बी 12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है यह रेडियोधर्मिता को भी सोख लेता है आम मान्यता है कि गाय के गोबर के कंडे से धुआं करने पर कीटाणु मच्छर आदि कीटाणु भाग जाते हैं और दुर्गंध भी नष्ट हो जाती है गौमूत्र और गोबर फसलों के लिए बहुत उपयोगी कीटनाशक सिद्ध हुऐं हैं कीटनाशक के रूप में गोबर और गौमूत्र के इस्तेमाल के लिए अनुसंधान केंद्र भी खोले जा सकते हैं क्योंकि इनमें रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों के बिना खेती के हर उत्पादन बढ़ाने की अपार क्षमता है और गाय का गोबर इस्तेमाल करने से भूमि की उर्वरता बनी रहती है वहीं दूसरी ओर पैदा की जा रही सब्जी फल या अनाज की फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है जुताई करते समय गिरने वाले गोबर और गौमूत्र से भूमि में स्वतः खाद डलती जाती है प्रकृति के 99% कीट प्रणाली के लिए लाभदायक हैं एक गाय के गोबर से 7 एकड़ भूमि को खाद और मूत्र से 100 एकड़ भूमि की फसल को कीटों से बचा सकता है केवल 40 करोड़ गौवंश के गोबर व मूत्र से भारत में 84 लाख एकड़ भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है और गौमूत्र व गोबर चर्म रोग सहित सैकड़ों रोगों में बचाने में महत्वपूर्ण उपयोग किया जाता है इसके बावजूद दुर्भाग्य से शहरों में जिस तरह पॉलिथिन का उपयोग कर उसे फेंक दिया जाता है जिसे खाकर गायों की असमय मौत हो रही है इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके क्योंकि गौ माता का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है गौ माता हमेशा से शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है इसलिए सर्वगुण संपन्न गौ माता के लिए रहने एवं खाने पीने का स्थान गौशाला सुनिश्चित कराना बहुत जरूरी है और यह सरकार व नगर निगम की नैतिक जिम्मेदारी है

 

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