Home उत्तराखण्ड थराली :सरकारी आदेश से पूर्व ही दे दी थी खनन मे मशीनों...

थराली :सरकारी आदेश से पूर्व ही दे दी थी खनन मे मशीनों की अनुमति।

371
0
SHARE

थराली।

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला

– जिला प्रशासन का गुपचुप खेल,अधिकारी सवालो के घेरे मे।

–राज्य सरकार के आदेश से पूर्व ही चमोली की नदियों में भारी मशीनों से किया खनन का कार्य किया जा रहा था। ताजुब इस बात का है कि मीडिया की रिपोटो और मीडिया द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी चमोली प्रशासन के अधिकारी खनन नीति का हवाला देते हुए कह रहे थे कि खनन कार्य में मशीनों की अनुमति है।

चमोली जिला प्रशासन कभी-कभी सरकारों के आदेशों से पूर्व ही अपने आदेश बना देता है और नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए यह भी नहीं देखता कि किस तरह के आदेश उनके द्वारा किए गए। चमोली में खनन कारोबारियों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन ने जिले की तमाम नदियों में जहां भी खनन कार्य चाहे वह रीवर ट्रेनिंग नीति के तहत किया जा रहा हो या खनन के तहत नदियों में खुलेआम भारी मशीने कार्य में लगी हुई है। जबकि राज्य सरकार ने अब 13 मई को नदियों में खनन कार्य मे हल्की मशीनों से खनन की अनुमति दी है । अब चमोली के लोग यह पूछ रहे है कि आखिर किसकी अनुमति से जनपद में नदियों में खनन कार्य मशीनों द्वारा किया जा रहा था??? चमोली जिले मे खनन कार्य मे मशीने लगी हुई है के बारे मे मीडिया रिपोटों की परवाह न करते हुए जिला अधिकारी, समन्धित उप जिला अधिकारी, जिला खान अधिकारी मीडिया भी कहते रहे कि रीवर ट्रनिंग नीति में मशीनों की अनुमति है। चमोली के जिलाधिकारी स्वाति भदोरिया ने तो बकायदा मीडिया के पूछने पर बयान तक दे दिया कि रीवर ट्रेनिंग नीति मे मशीनों का संचालन वैध है और वे सरकार की नीति से ऊपर नही है। अब बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर क्यों जिला प्रशासन ने लोगों को अंधेरे में रखकर नदियों में बेतरतीब रूप से अवैध खनन का कार्य करवाया???? मशीनों से नदियों में पड़े गड्ढे इस बात की पुष्टि करते हैं कि खनन कार्य मे लगे लोगो ने किस कदर नदियों क़ा दोहन किया है। प्रशासन के इस गैरजिम्मेदाराना रवये से सरकारी राजस्व को कितना चुना लगाया गया जांच का विषय है??

चमोली मे खनन को लेकर यह भी जांच का विषय है कि प्रशासन द्वारा बिना नियमानुसार सीमांकन कराये खनन व्यवसायों को क्यों रववने जारी किये गए?? बिना सीमांकन के आखिर जिला प्रशासन ने खनन कार्य शुरू करने की अनुमति क्यों दी ??? इन सभी बातों पर क्या प्रशासन जांच करवाएगा या फिर इसी प्रकार अधिकारियों को बचाने की कोशिस करेगा।
एक और बात जो लोगों मे खास चर्चा का विषय बनी हुई है कि क्या ईमानदार छवि की जिलाधिकारी को उनके अधिकारियों ने ही गुमराह कर उनकी छवि बिगाने की कोशिश तो नही की है ???

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here