जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मंगलवार को समेकित जलागम प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में संचालित कार्यो की गहनता से समीक्षा की। जलागम कार्यो की धीमी प्रगति पर फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कार्यप्रणाली ठीक करने की हिदायत दी। बतादें कि समेकित जलागम प्रबंधन के तहत जिले में तीन प्रोजेक्ट संचालित है। इसमें आईडब्लूएमपी-4 प्रोजेक्ट बद्रीनाथ वन प्रभाग, आईडब्लूएमपी-5 अलकनंदा भूमि संरक्षण और आईडब्लूएमपी-6 प्रोजेक्ट कृषि विभाग के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने वर्षा क्षेत्रों में प्राकृतिक संशाधनों का सही ढंग से प्रबंधन और उत्पादकता बढ़ाकर ग्रामीणों की आय में बृद्वि करने के लक्ष्य को हासिल करने की हिदायत दी। समेकित जलागम प्रबंधन के तहत संचालित परियोजनाओं की प्रगति संतोषजनक नही पाए जाने पर जिलाधिकारी ने फटकार लगाते हुए कार्यो में तेजी लाने तथा मार्च तक आवंटित धनराशि का सदुपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अप्रैल में पुनः जलागम कार्यो की समीक्षा की जाएगी और कार्यो में प्रगति नही पाए जाने पर कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने समेकित जलागम प्रबंधन के तहत अभी तक पूर्ण और अपूर्ण कार्यो के यूसी, एमबी, फोटोग्राफ सहित सूची उपलब्ध कराने को कहा। पशुपालन के लिए काश्तकारों को उपलब्ध कराई गई बकरियों की वर्तमान स्थिति और लाभान्वित काश्तकारों के संबध में भी जानकारी देने की बात कही।
जिलाधिकारी ने कहा कि केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत चिन्हित ग्राम पंचायतों में मृदा, वनस्पति और पानी जैसे खत्म हो रहे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और विकास के लिए पर्याप्त धनराशि दी जा रही है। उन्होंने ग्राम प्रधानों एवं ग्राम पंचायत प्रभारियों को व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्यो में तेजी लोने और निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि जलागम के तहत चिन्हित ग्राम पंचायतों में जो भी समिति के अध्यक्ष कार्यो में रूचि नही ले रहे है उनको हटाकर नए सिरे से अध्यक्ष नियुक्त करना सुनिश्चित करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य स्थलों पर कार्य शुरू और पूरा होने की तिथि, वर्ष, लागत संबधित साईन बोर्ड भी चस्पा कराने तथा एसडीएम के माध्यम से कार्यो की रेन्डम जाॅच भी कराने के निर्देश दिए।
अपर जिला कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाष्कर ने अवगत कराया कि कृषि विभाग के माध्यम से आईडब्लूएमपी-6 के तहत 24 ग्राम पंचायतों और 48 राजस्व ग्रामों में जलागम के तहत कार्य संचालित है। पांच वर्ष की इस योजना के तहत शासन से अभी तक 2.66 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है, जिसमें से विगत तीन वर्षो में 1.61 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। इस दौरान बद्रीनाथ वन प्रभाग एवं अलकनंदा भूमि संरक्षण ने भी अभी तक जलागम के तहत संचालित पूर्ण व अपूर्ण कार्यो से अवगत कराया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, एसडीओ अमरेश कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी राम कुमार दोहरे, ग्राम पंचायत प्रभारी, ग्राम प्रधान आदि उपस्थित थे।