परिवहन और पुलिस विभाग सतर्क, टोल प्लाजा के डिवाइडरों की लंबाई 30 मीटर बढ़ाने के निर्देश

लच्छीवाला टोल प्लाजा पर हादसे का प्रमुख कारण चालक का डंपर से नियंत्रण खोना माना जा रहा है। प्रथमदृष्टया डंपर के ब्रेक फेल होने से उसकी गति अचानक बढ़ी और फिर उसने आगे चल रहे वाहनों को चपेट में लिया।

लच्छीवाला टोल प्लाजा पर हुए भीषण हादसे के बाद परिवहन और पुलिस अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर टोल प्लाजा के डिवाइडर की लंबाई जरूरत से बेहद कम पाई गई है। भविष्य में सुरक्षा के लिहाज से डिवाइडर की लंबाई दोनों ओर से 30-30 मीटर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा भी इस स्थान पर कई तरह के निर्देश और सुझाव दिए गए। इन पर जल्द से जल्द अमल करने को कहा गया है।

लच्छीवाला टोल प्लाजा पर हादसे का प्रमुख कारण चालक का डंपर से नियंत्रण खोना माना जा रहा है। प्रथमदृष्टया डंपर के ब्रेक फेल होने से उसकी गति अचानक बढ़ी और फिर उसने आगे चल रहे वाहनों को चपेट में लिया। इसकी एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिली है। इसमें भी डंपर सामान्य गति से आता दिख रहा है लेकिन अचानक जब ढाल पर चालक इस पर से नियंत्रण खोता है तो उसकी गति बढ़ जाती है। इन्हीं सब पहलुओं को लेकर आरटीओ शैलेश तिवारी और एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह अन्य अधिकारियों के साथ वहां निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। टोल प्लाजा और इसके आसपास कई ऐसी खामियां पाई गईं जिनसे भविष्य में भी हादसे होने की प्रबल संभावना है। इनमें टोल प्लाजा के दोनों ओर स्पीड ब्रेकरों की संख्या कम है। इससे भी यहां पर गति बढ़ जाती है।

टोल प्लाजा पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिये टोल प्लाजा के दोनों ओर रंबल स्ट्रिप, स्पीड ब्रेकरों की संख्या बढ़ाए जाएं।
– वर्तमान में टोल प्लाजा की अलग-अलग लेनों में जाने के लिए बनाए गए रोड साइन मिट गए हैं, उक्त स्थानों पर पीले रंग से रोड मार्किंग कराई जाए।
– सड़क पर कैट आई लगाई जाएं, जिससे वाहन चालकों को अलग-अलग लेनों में जाने की स्पष्ट जानकारी मिल सके।
– टोल प्लाजा के दोनों ओर डिवाइडर लेन काफी छोटी हैं। इन डिवाइडर लेनों को लगभग 30 मीटर तक आगे बढ़ाया जाए।
– टोल प्लाजा के पास ओवर स्पीडिंग को नियंत्रित करने के लिए स्पीड कैमरे लगाए जाएं।

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