बसंत पंचमी के पावन पर्व पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई इस बार ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे कपाट खुलने की तिथि घोषित होते ही बद्री विशाल भगवान के कपाट खुलने की विशेष तैयारियां शुरू हो जाती है इसी क्रम में सबसे पहले टिहरी से विशेष तैयारियां होती है उसके बाद अलग-अलग जगहों पर निवास कर रहे हक हकूक धारी अपने ग्राम में विशेष तैयारियां करते हैं।

चमोली जनपद भगवान बद्री विशाल की यात्रा पढ़ाव का प्रमुख जिला माना जाता है यहां पर अनेक गांव भगवान बद्री विशाल की परंपराओं से जुड़े हुए हैं पांडुकेश्वर गांव भी भगवान बद्रीविशाल के मुख्य पड़ाव का केंद्र है यहां पर भगवान कुबेर जी, भगवान उद्धव जी, भगवान कैलाश, मा नंदा ,घंटा कर्ण भगवान विराजमान रहते हैं पांडुकेश्वर के आराध्य देव कुबेर माने जाते हैं कुबेर भगवान बद्रीविशाल के मुख्य अंग भी माने जाते हैं भगवान बद्रीविशाल के दाहिनी तरफ धन के देवता कुबेर विराजमान होते हैं जो इस क्षेत्र के धनधान्य के लिए पूजे जाते हैं ।

कुबेर जी की ग्रीष्म काल में बद्रीविशाल के साथ पूजा होती है तो शीतकाल में पांडुकेश्वर में भगवान कुबेर की विशेष पूजा अर्चना की जाती है पांडुकेश्वर में इन दिनों भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की विशेष परंपराओं के तहत कुबेर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है यह निरंतर भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि तक चलता रहता है अलग-अलग महीनों में भगवान कुबेर की विशेष पूजा अर्चना की जाती है ।
स्थानीय लोग इसकी विशेष तैयारी करते हैं माघ माह में दो दिवसीय कुबेर महोत्सव का आगाज पांडुकेश्वर में किया गया जिसमें विशेष पूजा अर्चना के साथ साथ कुबेर जी की मूर्ति को उनके भक्तों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया स्थानीय ग्रामीणों ने भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए भगवान बद्री विशाल और कुबेर भगवान के पारंपरिक गीत गाए इस दौरान महिलाएं विशेष तैयारियां कर के रंग बिरंगी पोशाक में मंदिर परिसर में पहुंची और भगवान कुबेर के स्थानीय भजनों में झूमने लगी इस दौरान महिलाएं और पुरुष मिलकर भगवान कुबेर के भजनों में झूमते हुए नजर आए साथ ही भगवान कुबेर का विशेष भोग भी लगाया गया

पांडुकेश्वर के कुबेर देवरा समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि इस बार तीर्थ यात्रियों के लिए एक सबसे बड़ी बात यह है कि भगवान कुबेर का एक भव्य मंदिर पांडुकेश्वर नगर में बनाया जा रहा है यह मंदिर लगभग 32 फीट लंबा होगा जिसमें हजारों की संख्या में तीर्थयात्री भगवान कुबेर के दर्शन कर सकते हैं भगवान बद्री विशाल की यात्रा में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है जिसके बाद व्यवस्थाएं सुधारना बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति और स्थानीय हक हकूक धारियों के लिए एक चुनौती बन गई है इसलिए पांडुकेश्वर के स्थानीय हक हकूक धारियों ने अपने प्रयास से एक भव्य मंदिर निर्माण करना सुनिश्चित किया है जिसकी नींव भी रखी जा चुकी है और भूमि पूजन भी किया जा चुका है
वही महोत्सव में पहुंचे बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि भगवान बद्रीविशाल के कपाट खोलने की परंपराएं शुरू कर दी गई हैं अब भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि का सबको इंतजार है और इस बार 2019 से भी अधिक तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए पहुंचेंगे जिसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

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