- राष्ट्रीय खेलों से खिला होटल इंडस्ट्री का चेहरा
- होटल कारोबार को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह का लाभ मिलना तय
- देहरादून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-भीमताल तक हुए होटल आरक्षित
- 12 शहरों के होटलों में की गई है खिलाड़ियों के रूकने की व्यवस्था
राष्ट्रीय खेलों से खेल विकास की प्रबल संभावनाओं के बीच होटल इंडस्ट्री भी झूम उठी है। दून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-पिथौरागढ़ तक के होटल राष्ट्रीय खेलों के लिए आरक्षित हो गए हैं। उत्तराखंड के 12 शहरों में खिलाड़ियों और अन्य तमाम लोगों को रूकवाने की व्यवस्था की गई है। होटल इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए इस स्थिति को शुभ संकेत माना जा रहा है। उत्तराखंड के होटल कारोबारी उत्साहित हैं। तात्कालिक लाभ तो उन्हें मिल ही रहा है, दीर्घकालिक लाभ की भी वे उम्मीद कर रहे हैं।
हल्द्वानी होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज जायसवाल का मानना है कि राष्ट्रीय खेल होटल वालों के लिए भी बड़ा अवसर है। हम मेहमानों को अच्छी सर्विस देंगे, ताकि वे अच्छी स्मृतियां लेकर उत्तराखंड से जाएं और हमारे होटलों का नाम पूरे देश तक फैले। दून होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश भारद्वाज को राष्ट्रीय खेलों से होटल इंडस्ट्री को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के फायदे मिलते दिखते हैं। भारद्वाज का कहना है कि इस आयोजन से होटल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।होटलों में कमरों की स्थिति
शहर आवश्यकता
देहरादून 2431
हल्द्वानी 1221
हरिद्वार 556
रुद्रपुर 553
शिवपुरी ऋषिकेश 402
कोटी कालोनी टिहरी 226
अल्मोड़ा 147
पिथौरागढ़ 129
नैनीताल 113
खटीमा 118
टनकपुर 85
भीमताल 62
राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखंड की होटल इंडस्ट्री को देशभर में एक्सपोजर मिलेगा। इसके दीर्घकालिक फायदे में ज्यादा देखता हूं। सबसे अहम बात राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखंड में होना है। ऐसे में इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि देशभर से आने वाले लोगों को वह अच्छी सेवाएं दें। ताकि पूरे देश में उत्तराखंड का नाम हो।