श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को 5:13 पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे जहां ग्रीष्म काल में नर यानी मनुष्य ने भगवान बद्री विशाल की पूजा की तो वहीं अब शीतकाल में भगवान नारद बद्री विशाल की पूजा-अर्चना करेंगे
मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बद्रीनाथ मंदिर सभा के सभा मंडल में धर्म अधिकारियों के द्वारा पंचांग पूजा की गई जिसमें एक शुभ दिन चयन किया गया और उसके बाद कपाट बंद होने की तिथि घोषित की गई बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने सभी भक्तों और हक हकूक धारियों के सामने बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की शुभ तिथि घोषित की
वही इस अवसर पर 2020 में बद्रीनाथ सफाई व्यवस्था के साथ अन्य व्यवस्थाओं को करने वाले पांडुकेश्वर के ग्रामीणों को आज पगड़ी पहनाई गई जो पगड़ी बद्रीनाथ धाम के ठाकुर धारियों को पहनाई जाती है जो अगले बरस की यात्रा की पूरी व्यवस्था को संचालित करते हैं के बाद मंदिर परिसर में भजन कीर्तन के साथ साथ अन्य वैदिक पूजा पाठ संपन्न की गई
इस बार भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए लगभग 10:30 लाख से भी अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं जिससे बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारी भी काफी कुछ दिखाई दे रहे हैं भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने के बाद धाम में व्यवसाय करने वाले लोग निराश होंगे तो अगले बरस कपाट खुलने के बाद एक बार फिर से लोगों की रोजी-रोटी के साधन भी शुरू हो जाएंगे
नवंबर माह में बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद होने के साथ की 2019 की चारों धाम की यात्रा भी संपन्न की जाएगी इससे पहले 10 अक्टूबर को सिखों के प्रसिद्ध धाम हेमकुंड के कपाट भी श्रद्धालु के लिए बंद कर दिए जाएंगे अब 2020 में एक बार फिर से चारों धाम की यात्रा आरंभ होंगी जिसके लिए शासन प्रशासन के लिए पूर्व से तैयारी करना एक चुनौती होगा क्योंकि जिस तरीके से 2019 में ऑल वेदर रोड का कार्य चल रहा है उससे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खस्ताहाल है 2020 में शुभम रास्तों से यात्रा हो यह तैयारी भी प्रशासन को अभिषेक करनी होगी ताकि 2020 की यात्रा सफल तरीके से संचालित हो सके