भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से श्री केदारनाथ मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित किया गया। केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर बृहस्पतिवार प्रातः साढे़ आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान करेगी। आज प्रातः पूर्व मुख्यमंत्री सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। आज कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में भक्तगण बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे हैं।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत आज भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से पूजा-अर्चना पश्चात मंदिर परिसर में लाया गया मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित कर दिया गया। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सपरिवार श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। श्री केदारनाथ भगवान के दर्शन किये, तथा भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली के की पूजा अर्चना में शामिल हुए। भगवान केदारनाथ जी एवं पंचमुखी डोली के दर्शन किये। इस दौरान मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय तथा उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। इस अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शीतकाल हेतु कपाट बंद होने की सभी तेयारियां पूरी हो चुकी है। बताया कि मंदिर समिति शीतकाल में मंदिर सुरक्षा में तैनात सुरक्षा पुलिस कर्मियों को खाद्य सामग्री एवं आवास व्यवस्था मुहैय्या करा रही है।
केदारनाथ से मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि कल बृहस्पतिवार प्रातः साढे आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु रवाना होगी। 28 अक्टूबर को पंचमुखी डोली द्वितीय पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।29 अक्टूबर को पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। आज भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली की पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा पूजा अर्चना की गयी।

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