देहरादून
उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने शुक्रवार को दिए बयान को लेकर आये बैकफुट पर। उन्होंने सदन के भीतर दिए गए बयान पर खेद जताया है।
शनिवार को विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से कल की बात को लेकर माफी मांगने को लेकर तेवर दिखाए। सदन के भीतर इस बात पर एक विपक्षी सांसद तो सदन में कागज फाड़कर अपनी सीट से भी उठ गए।
बताते चलें कि वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को अपने कल के बयान के बाद पार्टी के साथी मंत्रियों और विधायकों का साथ भी सही से नहीं मिल पा रहा था।
विधानसभा सदन में दिए गए संसदीय कार्यमंत्री के बयान पर कल से चल रहे बबाल के बाद शनिवार को प्रेमचंद अग्रवाल बैकफुट पर दिखे। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार हैं। परिवार के लोगों के समक्ष अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में उन्हें संकोच नहीं है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मैंने कल कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमारे हृदय में समाया है। मैंने सारे उत्तराखंड की बात की थी। उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड में पैदा हुआ। उत्तराखंड में पला-बढ़ा। यहीं मुझे जीवन व्यतीत करना है और यहीं मरना है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य और कथन का आशय यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है, जिसमें हर तरह के रंग बिरंगे फूल इसकी खूबसूरती हैं। मेरे बयान को कुछ लोगों द्वारा ग़लत तरीक़े से पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंचीं है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल कहा कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार में छोटों का स्नेह और बड़ों का आशीर्वाद मेरे ऊपर बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के सामने खेद प्रकट करने में उन्हें कोई संकोच नहीं है।