उरगम घाटी में कल्पेश्वर महादेव के शीर्ष पर स्थित फ्यूलानारायण भगवान् जहां नारी को है भगवान के श्रंगार का अधिकार नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालय की सुरम्य वादियों में सुन्दर फिजाओं के बीच विराजते हैं श्री फ्यूलानारायण 16 जुलाई को भक्तो के दर्शनाथ हेतु विधि विधान के अनुसार सुबह 11 बजे लोक कल्याण हेतु खोल दिये गये है भगवान फ्यूनारायण भक्तों को नन्दा अष्टमी तक दर्शन देंगे और भक्तों की कामनाएं पूर्ण करेंगे .पौराणिक परम्परा के अनुसार भर्की भैंटा के ग्राम पंचायत के परिवारों को प्रति परिवार अपनी बारी के अनुसार यहां श्री नारायण की पूजा करता है इस वर्ष हर्षवर्धन सिंह चौहान श्री फ्यूलानारायण के पुजारी होंगे व श्रीमती पार्वती देवी नारायण का श्रृंगार करेगी जिन्हें फ्यूया फ्यूयाण कहा जाता है। फ्यूलानारायण कल्पेश्वर मन्दिर से चार किमी दूर है उरगम घाटी के कल्पेश्वर मंदिर तक वाहन से पहुंचा सकते है भगवान कल्पेश्वर के दर्शन कर चार किमी की हल्की चढाई के बाद श्री नारायण के धाम पहुंचा जाता है इस मंदिर के कपाट हर वर्ष श्रावण विखोत के दिन खुलते है तथा भादों मास की नन्दा अष्टमी को कपाट बंद होते है मंदिर में विशेष रूप से अखंड धुनि प्रवज्विल होती है जो कपाट खुलने के दिन से कपाट बंद होने तक जलती रहती है यहाँ हर दिन पूजा अर्चना का विधान है भगवान नारायण का सत्तू एवं बाड़ी से विशेष भोग लगता है नारायण की मूर्ति चतुर्भुज रूप में यहाँ विराजमान है मूर्ति के दोनों तरफ जय और विजय नामक दो द्वारपाल है पुराणों के अनुसार जय विजय नारायण के द्वारपाल थे एक बार देवऋषि नारद को इन दोनों ने प्रणाम नही किया नारद ने इन्हें राक्षस कुल में जन्म लेने का श्राप दिया जिनका रावण व कुम्भकर्ण के रूप में जन्म हुआ और राम अवतार में नारायण ने इनको मोक्ष प्रदान किया फ्यूनारायण में भगवान नारायण के अलावा मां नन्दा स्वनूल वन देवियां जाख देवता क्षेत्रपाल पित्र देवता की पूजा की जाती है नारी भगवान नारायण का श्रृंगार करती है तो पुजारी पूजा अर्चना करते है . फ्यूनारायण जाने के मार्ग में भिवरख्वे नामक जल प्रपात पड़ता है जो 100 मी ऊंचाई से गिरता है इस मार्ग में लोक देवताओ के छोटे छोटे मंदिर हैं जिसमें पतोता विनायक जबरखेत विनायक दुदला विनायक खर्सूपाटा विनायक कुंजी विनायक खोड़ विनायक के रास्ते में दर्शन होते हैं फ्यूनारायण धाम में नारायण की फूलवाड़ी है जहां अनेक प्रकार के फूल खिलते रहते हैं
जहां मन को अपार सकून मिलता है प्रकृति का सुन्दर दिदार होता है आप सभी भक्तों का हिमालय की नयनाभिराम वादियों में स्वागत एवं अभिनन्दन है इस अवसर पर उजागर फरस्वाण देवेन्द्र चौहान मंजू देवी प्रधान भर्की सुरेन्द्र रावत हर्षवर्धन फरस्वाण रघुबीरसिंह चौहान सुभाष रावत समेत अनेक भक्गण मौजूद थे