हिमशिखर औली में दो दिवसीय अखंड रामायण का पाठ आज विशाल भंडारे के साथ संपन्न हो गया है हनुमान जयंती के अवसर पर हर वर्ष बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व औली में स्थानीय हक हकूक धारियों के द्वारा अखंड रामायण का पाठ किया जाता है इस अखंड रामायण में जोशीमठ के गौरंग और रवी ग्राम के हक हकूक धारी सकलानी परिवार के लोग विशेष रूप से अखंड रामायण का आयोजन करते हैं मान्यता है कि जब रामायण में मेघनाथ के द्वारा लक्ष्मण को बाण मारकर मूर्छित किया गया था तब महावीर बजरंगबली संजीवनी बूटी लेने के लिए द्रोणागिरी पर्वत पर गए थे वापसी में अपनी थकान मिटाने के लिए बजरंगबली ने औली के इस हिमशिखर पर विश्राम किया था तब से लेकर आज तक विधि विधान के द्वारा इस स्थान पर अखंड रामायण सुंदरकांड के साथ साथ प्रत्येक दिन भोग लगाया जाता है इस अवसर पर बद्रीनाथ धाम के अपर धर्माधिकारी सत्यप्रकाश चमोला और हनुमान मंदिर के पुजारी नागेंद्र सकलानी के साथ-साथ अशोक सकलानी, राजेंद्र सकलानी, मुकेश सकलानी, राकेश नौटियाल ,अनिल सकलानी, हरीश कपरवाण आदि सहयोग देते हैं
इस मंदिर में दूर-दूर से लोग अखंड रामायण का पाठ करने के लिए पहुंचते हैं अखंड रामायण के अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है इस बार संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने भी औली में अखंड रामायण के पाठ में अपना सहयोग दिया और दो दिन तक नियमित रूप से अखंड रामायण का पाठ किया