हिन्दू धर्म में शादी को संस्कार माना जाता है। संसार की अधिकतर संस्कृतियों में लोग शादी को दो लोगों की आत्माओं के मिलन के रूप में देखते हैं। प्रत्येक धर्म के लोग अपने तरीके से शादी मनाते हैं जिसमें कई तरह के रीति-रिवाज होते हैं। इसी तरह भारतीय विवाह में बहुत सी रस्में निभाई जाती हैं जो काफी पुरानी भी हैं और यह स्वास्थय के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद हैं। शादी में मेंहदी से लेकर फेरों तक सबकी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। आज हम आप को बता रहे हैं शादी की रस्मों और उनसे जुड़े सेहत के फायदे के बारे में जिस जान कर आप शादी की रस्मों के बारे में जान पाएंगे।
1. मेंहदी की रस्म
शादी में सबसे जरूरी रस्म है दुल्हन के हाथों में मेंहदी लगाना। शादी से एक या दो दिन पहले उसके हाथों में मेंहदी लगा दी जाती है। मेंहदी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे शरीर को ठंडक मिलती है। शादी की भागदौड़ और तनाव के कारण दुल्हन को सिरदर्द और बुखार जैसी कई समस्याएं हो जाती है। इस तरह की इंफैक्शन और वायरल से बचने के लिए मेंहदी बहुत सहायक है।
2. हल्दी की रस्म
शादी वाले दिन सुबह वर-वधू दोनों को हल्दी लगाई जाती है। हल्दी में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया से दूर रखते हैं। इसके अलावा हल्दी लगाने से चेहरे में निखार आता है।
3. चूड़ियां पहनना की रस्म
शादी के वक्त वधू के दोनों हाथों में चूड़ियां पहनाई जाती है। कलाईयों में कई एक्यूप्रैशर पॉइंट्स होते हैं। चूड़ियां पहनने से इनमें दबाव पड़ता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
4. मांग में सिंदूर की रस्म
शादी में दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा जाता है जो उसके शादी-शुदा होने की निशानी है। इसके अलावा यह स्वास्थय के लिए भी काफी फायदेमंद होता है क्योंकि सिंदूर में हल्दी, चूना और पारा होता है जो शरीर को ठंडक देता है।
5. बिछुए पहनना की रस्म
शादी के समय वधू के पैरों में बिछुए पहनाए जाते हैं। बिछुए पैर की अगुंठे की साथ वाली उंगली में पहनाए जाते हैं। इस उंगली में एक विशष किस्म की नस होेती है जो गर्भाशय से गुजरती है और दिल तक पहुचती है। बिछुए पहनने से गर्भाशय मजबूत बनता है और पीरियड्स भी नियमित होते हैं।
6. फेरे लेने की रस्म
शादी की सबसे खास रस्म है अग्नि के 7 फेरे। अग्नि से निकलने वाले धुएं से वातावरण शुद्द होता है जिसका सीधा असर अग्नि के फेरे लेते हुए वर-वधू पर पड़ता है। इससे उन पर साकारात्मक प्रभाव पड़ता है।