उत्तराखंड में रफ्तार ने ली तीन और दोस्तों की जान, कटर से कार को काटकर निकाले शव
उत्तराखंड में एक दर्दनाक कार दुर्घटना में तीन दोस्तों की जान चली गई। हादसा देहरादून के बरेली रोड पर हुआ जहां एक कार 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। कार ने आगे चल रहे ट्रक को टक्कर मार दी जिससे दो दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। तीसरे दोस्त की हालत गंभीर है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कोतवाल राजेश कुमार यादव का कहना है कि जिस समय दुर्घटना हुई, कार 140 की स्पीड से दौड़ रही थी। चालक आगे चल रहे ट्रक को देख नहीं सका। कार ट्रक के पीछे जा घुसी। घायलों को अस्पताल लाने के बाद डाक्टर ने मृत घोषित किया था।
बरेली रोड में हुए हादसे के बाद एक पल को पुलिस भी हैरत में पड़ गई थी कि आखिर हादसा हुआ कैसे। क्योंकि जहां पर हादसा हुआ था, वहां दूसरे वाहन के क्षतिग्रस्त होने के कोई निशान नहीं थे। केवल एक स्कूटर का टायर मौके पर मिला था।
मंगलवार सुबह तक मंडी चौकी के इंचार्ज प्रेम विश्वकर्मा अंदाजा लगा रहे थे कि हादसे की वजह कोई मवेशी या जंगली जानवर का सड़क पर आना भी हो सकता है। इसके बाद कोतवाल राजेश कुमार यादव खुद मौके पर पहुंचे और पड़ताल शुरू की। घटनास्थल के सीसीटीवी खंगाले।
कार संजीव के दादा के नाम पर है। हादसे के दौरान कार को चला कौन रहा था, यह जांच का विषय है। कार सवार हिमांशु पीछे की सीट पर बैठा था। उसे गंभीर चोटें आई हैं। हालांकि उसे निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। हिमाशु किसी कंपनी में इंजीनियर हैं। बताया जा रहा है कि हादसे में मरे दोनों युवक गहरे दोस्त थे। संजीव जब भी छुट्टी घर आता था तो दोस्तों के संग घूमने निकल जाता था।
दादा ने संजीव की पढ़ाकर आर्मी में भेजा
छाती गांव में पढ़ने के लिए दूर जाना होता था। अच्छा स्कूल नहीं था। इसलिए पौते संजीव व उसकी बहन मनीषा के लिए बलौना गांव में घर बना दिया था। खुद भी यहीं आकर बस गए। संजीव ने इंटरपास करने के बाद आर्मी में जाने का सपना देखा। 2019 में वह नागा रेजिमेंट में भर्ती हो गया था। संजीव की बहन मनीष मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर चुकी है।
कटर से कार को काटकर बाहर निकाले शव
हादसा इतना खतरनाक था कि कार सवार तीनों युवक ट्रक से टकराकर कार में फंस गए। इस पर दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। कटर से कार को काटकर घायलों को बाहर निकाला गया। इसके बाद अस्पताल भेजा। दो की मौत हो चुकी थी। जबकि एक ही हालत नाजुक थी।