देहरादून:उद्योगपति व रियल एस्टेट कारोबारी सुधीर विंडलास द्वारा जोहड़ी गाँव में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल को आवंटित भूमि पर अवैध चारदीवारी बनाकर उसे कब्जाया गया है।इसके अलावा सुधीर विंडलास ने क्षेत्र में सरकारी भूमि भी कब्जाई हैं। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने दाखिल खारिज रद्द करा दिए हैं और सुधीर विंलास पर जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।
यह मुकदमा भी राजपुर थाने में दर्ज हुआ है। सुधीर विंडलास पर तीन दिनों के भीतर यह दूसरा मुकदमा है। इस बार शिकायत सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल सोबन सिंह दानु निवासी जोहड़ी गांव ने की है। दानु का कहना कि उन्होंने युद्ध के दौरान अपना एक पैर खो दिया था। इसके बाद सरकार ने उन्हें जोहड़ी में जमीन आवंटित की थी। इसका दाखिल खारिज भी उन्हीं के नाम पर है, लेकिन इससे लगती हुई कुछ सरकारी संपत्ति भी है। यहां पर प्रशासन ने बाउंड्री वाल कराई थी, लेकिन सुधीर विंडलास और उनके मैनेजर प्रशांत ने यह दीवार तोड़ दी। इसके बाद अपनी दीवार बना ली और उनकी संपत्ति भी कब्जा ली। लेफ्टिनेंट कर्नल (सेनि) दानू ने पुलिस को बताया कि सुधीर विंडलास ने यहां पर फर्जी तरीके से कई संपत्तियां अपने नाम की थीं।
बिल्डर विंडलास के खिलाफ पहला मुकदमा जालसाजी व धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज है। उसके खिलाफ संजय चौधरी की शिकायत पर कार्यवाही हुई थी। आरोप है कि चौधरी की 20 बीघा भूमि फर्जी तरीके से सुधीर विंलास ने अपने एक कर्मचारी के नाम करा दी थी। इसके लिए उन्होंने क्रेता संजय और उनकी माँ के नाम से फर्जी लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा किया था। मामले में एसआईटी ने जांच की थी और उसे आरोपी भी पाया था, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में देरी कर दी। अब वर्तमान एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बिल्डर के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हैं क्या उनमें निष्पक्ष जांच होगी ? दूसरा पूर्व में इस बिल्डर की एसआईटी जांच हुई थी उस समय मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया और उस समय के मुकदमा दर्ज ना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही नहीं होनी चाहिए ?

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