उत्तराखंड में जंगल की आग तेजी से फैलने लगी है। इसको देखते हुए वन विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। सभी प्रभागीय वन अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और क्रू स्टेशन पर क्रू समन्वय बनाए रखने को कहा गया है। वहीं, तमाम प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाने में विभाग के हाथ पांव फूल रहे हैं। आग बुझाने के लिए अब वायु सेना की मदद लिए जाने की भी तैयारी है। इससे पहले राज्य आपदा मोचन बल से भी मदद ली जा रही है। साथ ही ग्रामीणों और वन पंचायतों से भी सहयोग लिया जा रहा है।

बीते 24 घंटे में प्रदेश में 27 घटनाओं में 37.25 हेक्टेयर वन क्षेत्र को आग से नुकसान पहुंचा है। इसी के साथ फायर सीजन में 15 फरवरी से अब तक कुल 501 घटनाओं में 663.94 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाना चुनौती बना हुआ है। मौसम के मिजाज को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

वनों की आग और आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी सीसीएफ निशांत वर्मा ने बताया कि फायर वाचर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके। आग के विकराल होने की स्थिति में राजस्व विभाग, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण का सहयोग लिया जाएगा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में तमाम स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं। यहां जरूरत पड़ने पर एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है।

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