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उत्तराखंड में चुनाव राम लला से बाबर की मजार तक पहुंचा, बीजेपी कांग्रेस में तू तू मैं मैं

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देहरादून- उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सतपाल महाराज ने कहा कि जो लोग बाबर के पुजारी हैं वह राम लल्ला के वक्त नहीं हो सकते। कहा कि प्रधानमंत्री ने कल स्पष्ट किया कि मंदिर कमेटी ने कांग्रेस के नेताओं को राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण दिया था लेकिन वह नहीं आए।

महाराज ने कहा कि कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे नेता नटवर सिंह ने अपनी पुस्तक वन लाइफ इस नॉट इनफ में स्पष्ट किया है कि 1959 में जवाहरलाल नेहरू 1968 में इंदिरा गांधी 1976 में राजीव गांधी और 2005 में राहुल गांधी जब पूर्व पीएम मनमोहन के साथ अफगानी स्थान गए थे तब वह बाबर की मजार पर गए थे कहा कि बाबर की मजार पर कांग्रेस को जाना कबूल है लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाना कबूल नहीं.

तो वहीं उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश की मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने सतपाल महाराज पर कड़ा हमला बोला है। सतपाल महाराज द्वारा दिए गए बयान जिसमें उन्होंने मीडियासे बातचीत के दौरान यह कहा कि गांधी परिवार को बाबर की मजार में जाना तो गवारा है लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आना नहीं, गरिमा ने महाराज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा क्या सतपाल महाराज चारों पीठों के शंकराचार्यों और उन महामंडेलेश्वरों को भी हिंदू नहीं मानते जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया? दसौनी ने कहा कि राहुल गांधी विश्व प्रसिद्ध शिव भक्त हैं, दुनिया राहुल गांधी के शिव के प्रति आस्था और प्रेम से भली भांति अवगत है। दसोनी ने यहां तक कहा कि शायद शिव शंकर के बारे में सतपाल महाराज को भी उतना ज्ञान ना हो जितना राहुल गांधी को है और प्रियंका गांधी तो पावन दिनों में निर्जला व्रत किया करती हैं, यह और बात है कि गांधी परिवार अपने देवी देवताओं को वोट उगाही का साधन नहीं बनाते वह अपनी धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं की आड़ लेकर जनता का भावनात्मक दोहन नहीं करते । दसोनी ने कहा कि अगर सतपाल महाराज के बयान को देखा जाए तो मजारों पर जाने वाले व्यक्ति को वह हिंदू नहीं मानते ऐसे में क्या देश और दुनिया के जो करोड़ करोड़ हिंदू ताजमहल जाते हैं जो की बेगम मुमताज की मजार है और जो शाहजहां ने अपनी बेगम की याद में बनाई थीदसौनी ने कहा की

क्या सतपाल महाराज हिम्मत दिखा कर हिंदुओं को ताजमहल

जाने से मना करेंगे? दसौनी ने यह भी पूछा कि सतपाल महाराज

क्या कभी ताजमहल नहीं गए? दसोनी ने सतपाल महाराज के

बयान को गरिमाविहीन, घटिया और निम्न स्तर का बयान बताया

उन्होंने कहा कि समाज को ऐसे नफरत फैलाने वाले फर्जी

बाबाओं का बहिष्कार करना चाहिए जो इंसानियत का पाठ पढ़ाने

के बजाय धार्मिक ध्रुवीकरण में विश्वास रखते हैं। दसौनी ने कहा

कि क्या मोदी जी ने सतपाल महाराज को हिंदू धर्म की ठेकेदारी

सौंप दी हैं?