देहरादून
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 20-20 क्रिकेट में अंत में उतारा गया धाकड़ बल्लेबाज बताया। दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पीठसेंण में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति के अनावरण के मौके पर बोल रहे थे। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि ” मैं पुष्कर सिंह धामी जी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है। क्रिकेट की भाषा में अगर कहूं तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामी जी काफी ‘धाकड़ बल्लेबाज’ है। उन पर उत्तराखण्ड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। ” रक्षामंत्री पौड़ी जिले के पीठसैंण में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर बोल रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्षों में ‘मिशन मोड’ में काम हुआ है। बरसों से जो काम रूके पड़े थे उनको पूरा करने का प्रयास हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को OROP के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद OROP लागू कर दिया। उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए Border Roads Organisation (BRO) द्वारा यहां पर 1000 कि.मी. लम्बी सड़कों के निर्माण पर काम चल रहा है जिनमें 800 कि.मी. सड़क तो LAC और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटी हुई है। इन सड़कों के बन जाने से जहां सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से देश को लाभ होगा वहीं आर्थिक दृष्टि से प्रदेश की जनता को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। भारतीय सीमा के आखिरी गांव माना तक सड़क की Black Topping का काम चल रहा है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। अब लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया है। यह रास्ता आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह रास्ता भारत और नेपाल को और करीब लाने में सहायक होगा। नेपाल हमारे लिए केवल एक मित्र देश नहीं है बल्कि उसके साथ हमारा परिवार जैसा संबंध है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भंडारी और तीलू रोतली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं। आज जिन वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण यहां हो रहा है, वे कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे।