स्मार्ट मीटर से खत्म होंगी बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें

प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा है कि, स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की रीडिंग या बिलिंग संबंधित शिकायतों में अप्रत्याशित तरीके से कमी आएगी। साथ ही वर्तमान में स्मार्ट मीटर बिना शुल्क के बदले जाएंगे।
शनिवार को मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि स्मार्ट मीटर अत्याधुनिक बिजली मीटर है जिसका कन्ट्रोल उपभोक्ता के हाथ में रहता है। इससे आपको पल पल बिजली उपयोग की जानकारी, सभी जरूरी सूचनाएं, बिजली उपयोग की तुलना, भुगतान के कई विकल्प मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो भारत सरकार के सहयोग से भी सभी राज्यों में चलाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि अभी यूपीसीएल के उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र के साथ ही सीएम हेल्पलाइन और विभागीय शिविरों में सबसे अधिक शिकायतों बिलिंग और रीडिंग को लेकर आती हैं। अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा, इससे बिलिंग सम्बन्धी शिकायतों में अप्रत्याशित कमी आएगी।
उपभोक्ता को खपत का विवरण मोबाइल एप पर उपलब्ध, होगा जिससे वो अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे। साथ ही विद्युत फाल्ट व सप्लाई बाधित होने की सूचना भी तुरंत विभाग तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि रूफ टॉप सोलर लगाने पर यही मीटर नेट मीटर की तरह कार्य करेगा।

मीटर बदलने पर कोई शुल्क नहीं

प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने पर कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा। वर्तमान में भारत सरकार के निर्देश पर पोस्ट पेड मीटर ही लगाए जा रहे हैं। फिर भी कोई उपभोक्ता स्वेच्छा से प्रीपेड मीटर की सेवाएं लेना चाहता हैं तो उन्हें घरेलू कनेक्शन पर वर्तमान में लागू विद्युत दरों पर 4 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को 3 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग मंत्रीगणों, विधायकों और अधिकारियों के आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरू करेगा। घर बैठे मीटर को मोबाइल ऍप या ऑनलाइन रिचार्ज करने पर बिजली बिल पर लगने वाले ब्याज या लेट फीस से छुटकारा। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि छुट्टियों के दिनों में या रात में बैलेंस खत्म होने के बाद भी बिना रूकावट बिजली की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होने बताया कि योजना के तहत जून 2026 तक 15.88 लाख उपभोक्ताओं सहित 59212 ट्रांसफार्मर और 2602 फीडर के मीटर बदले जाने हैं।

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