भगवान राम के विग्रह को गर्भ ग्रह के आसन पर रख दिया गया. रामलला की मूर्ति को आसन पर स्थापित करने में कुल चार घंटे से ज्यादा का वक्त लगा. पूरे मंत्र कर और पूजन विधि के साथ भगवान राम की इस विग्रह को आसन पर विराजित किया गया.

इस दौरान मूर्तिकार योगीराज और कई संत भी मौजूद थे.

हालांकि आखिरी तौर पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी लेकिन पूरी तरीके से ढकी हुई रामलला की मूर्ति अब उसे आसन पर विराजमान कर दी गई है.