सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा Analysis ( SRMA) की सही नॉलेज से होगा सटीक इलाज, AIIMS में हो रही है कार्यशाला ।
इंटीग्रेटेड फाउंडेशन उत्तराखंड, आईएएमबीएसएस और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में 24 मार्च से 30 मार्च तक ऑनलाइन सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा विश्लेषण पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को हेल्थकेयर में मेटा विश्लेषण पर ट्रेनिंग देना है। इस ट्रेनिंग में देश के विख्यात विशेषज्ञ प्रोफेसर मीनू सिंह (एम्स ऋषिकेश), डॉ.सुखपाल कौर (पीजीआईएमईआर चंडीगढ़), डॉ. सुषमा सैनी (पीजीआईएमईआर चंडीगढ़), डॉ. विनय कुमार (पीजीआईएमईआर चंडीगढ़), डॉ. फूलन शर्मा (एम्स गुवाहाटी), डॉ. रमेश पाल (पीजीआई चंडीगढ़), डॉ. नताशा, डॉ. मनिंदर कौर, डॉ. हरप्रीत कौर, डॉ. जागृति सैनी, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मनीषा नागी, डॉ. प्रियंका उनियाल, और डॉ. उर्मिला इस कार्यशाला में अपने वक्तव्य में रखेंगे।
सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा Analysis ( SRMA) की सही नॉलेज से होगा सटीक इलाज, AIIMS में हो रही है कार्यशाला ।
इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने बताया कि अपने शोध कौशल को बढ़ाने के लिए इस कार्यशाला में देश के 200 से अधिक प्रतिभागी, जिसमें फैकल्टी सदस्य, पीएचडी स्कॉलर, डॉक्टर ऑफ मेडिसिन स्टूडेंट, एलाइड हेल्थ साइंसेज के स्टूडेंट्स, नर्सिंग ऑफिसर्स इत्यादि भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला में देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों जैसे एम्स दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, एम्स ऋषिकेश, एम्स गुवाहाटी, एम्स भोपाल, एम्स पटना, एम्स जोधपुर और जाने-माने विश्वविद्यालयों जैसे पंजाब यूनिवर्सिटी और प्राइवेट कॉलेजों से 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे।
सिस्टमैटिक रिव्यू और मेटा Analysis ( SRMA) की सही नॉलेज से होगा सटीक इलाज, AIIMS में हो रही है कार्यशाला ।
डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने बताया कि इस सात दिवसीय कार्यशाला को इस तरह से बनाया गया है कि प्रतिभागियों को बहुत सामान्य स्तर से लेकर आधुनिक सांख्यिकी सॉफ्टवेयर्स पर ट्रेनिंग दी जाए ताकि वे लेवल 1 एविडेंस के साक्ष्य कैसे बनते हैं, और कैसे उनके विश्लेषण होते हैं और स्वास्थ्य क्षेत्र में लेवल 1 एविडेंस का क्या महत्व है, वह समझ सकें और विश्लेषण कर सकें। इससे सही प्रतिभागियों को शोध कार्यों में लाभ होगा। साथ ही कार्यशाला में प्रतिदिन के तीन प्रश्न पूछे जाएंगे और प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। यह इस तरह की अपने आप में पहली कार्यशाला है जिसमें इतनी अधिक संख्या में प्रतिभागी भाग कर रहे हैं।