जोशीमठ ब्लॉक के सलूड-डुंग्रा गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को उत्तर प्रदेश से लौटे स्थानीय ग्रामीण की कोरोना जांच करने की मांग उठाई है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव का स्थानीय युवक शनिवार को गांव में पहुंचा है और उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से युवक को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है जबकि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद युवक को अस्पताल में आइसोलेट किया जाना चाहिए था। ग्रामत प्रधान श्रीमती प्रमिला देवी ने बताया कि प्रशासन से इस पूरे मामले में वार्ता की गई है लेकिन प्रशासन की टीम गांव में आकर औपचारिकता निभा कर वापस चली गई है समस्त ग्राम वासियों ने मांग की है कि युवक की दोबारा से सैंपलिंग की जानी चाहिए जोशीमठ के उप जिला अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि सरकार की नई गाइडलाइंस अनुसार युवक को 10 दिन तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा जो कि देहरादून में किया जा चुका है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक की जांच कर ली है और युवक मे कोई भी कोरोना संक्रमित होने के लक्षण मौजूद नहीं हैं

चमोली के सीएमओ के के सिंह ने बताया कि गांव में लौटे युवक की रिपोर्ट की जानकारी मिलने के बाद चिकित्सा टीम ने गांव में जाकर युवक की स्वास्थ्य जांच की है। साथ ही युवक को नियमों के अनुसार होम क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिये गये हैं। टीम द्वारा एतिहातन युवक के गांव पहुंचने के बाद सम्पर्क में आए परिवार और कुछ लोगों को भी होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिये हैं। हालांकि युवक में जांच के दौरान संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाये गये हैं। लेकिन इस पूरे मामले में देहरादून स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है देहरादून प्रशासन ने बिना किसी जांच के ही युवक को 6 जून को घर वापस भेज दिया। जबकि 6 जून को ही युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है बताया जा रहा है कि युवक इस बीच कई लोगों के संपर्क में भी आया है जिससे स्थानीय लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है

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