स्थान-सितारगंज

रिपोर्टर- दीपक भारद्वाज

कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉक डॉउन के चलते जिलाधिकारी के आदेश के बाद सितारगंज के राजकीय बालिका इंटर कालेज सितारगंज में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक की बालिकाओं को बाँटे जा रहे मिड डे मील के राशन में भी की जा रही थी धांधली।प्रत्येक बालिका को दिया जा रहा था डेढ़ किलो राशन कम।प्रधानाध्यापिका से पूछने के बाद ही मिला बालिकाओं को पूरा राशन।साथ ही बालिकाओं के खाते में पैसे डालने ओर न खाता होने पर अभिभावकों के खाते में पैसे डाले जाने की भी दी जानकारी।

कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉक डॉउन के चलते जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर के आदेश पर 29 अप्रैल से लेकर 2 मई तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मिड डे मील का राशन व नगद पैसे उनके खातों में डालने को लेकर स्कूलों के प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया गया है।इसीको लेकर सितारगंज में भी सरकारी स्कूलो में बच्चो को आज राशन बाँटा जा रहा है।जिसमे राजकीय बालिका इंटर कालेज सितारगंज में कक्षा-7 व कक्षा-8 में पहुँची प्रति बालिका को 4 किलो राशन दिया जा रहा था। तो वही कक्षा-8 से कक्षा-9 में गयी बच्चियों को 2 किलो राशन दिया जा रहा था।तो वही प्लास्टिक के जग को नपना बना राशन दिया जा रहा था।तो वही जब हमने वहाँ की प्रधानाध्यापिका अर्चना पाठक से बात की तो उसके द्वारा लीपा पोती करते हुए बताया गया कि कोरोना से बचने के लिए बच्चियों को 1 से 2 मीटर की दूरी में खड़ा करके लाइन से मिड डे मील का राशन मार्च व अप्रैल का बाँटा जा रहा है।वही प्रत्येक बच्ची को 150 ग्राम रोज के हिसाब से दिया जा रहा है।वही उनके द्वारा बताया गया कि मार्च माह में 14 दिन का व अप्रैल माह का 23 दिन का राशन दिया जा रहा है। वही जब हमारे द्वारा ये पूछा गया कि आप लोग प्रत्येक बच्ची को 4 किलो व 2 किलो राशन दे रहे है तो वह पल्ला झाड़ते हुए बोली कि भोजन माताओ को बताया था लेकिन उनके द्वारा मिस्टेक हुई होगी आपके द्वारा बताने के बाद सही राशन दिया जा रहा है।तो वही उनके द्वारा बताने के बाद 5 किलो 500 ग्राम प्रति बच्ची राशन दिया जाने लगा। वही इस वर्ष कक्षा 8 से कक्षा 9 में जाने वाली बच्चियों को मार्च माह का 14 दिन का 150 ग्राम के हिसाब से 2 किलो 100 ग्राम दिया जाने लगा।वही उनके द्वारा बताया गया कि 300 बच्चियां स्कूल में है उन सब को राशन दिया जाना है और नगद प्रत्येक कक्षा 8 से 9 में जाने वाली बच्चियों के खाते में 93.94 रुपये तथा कक्षा 7 व कक्षा 8 में आने वाली बच्चियों को 265.29 पैसे उनके खातों में डाले जा रहे है। वही जिनके खाते बंद या नही है तो उनके माता-पिता के खातों में पैसे डाले जायेगे।साथ ही जो बच्चियां अफसेंट नही आ पा रही है तो उनके परिजनों को राशन दिया जा रहा है।
तो वही देखा जाए तो प्रत्येक बच्ची को डेढ़ किलो कम राशन दिया जाना कही न कही धांधलेबाजी करना ही तो है।
ओर वही 100 ग्राम कक्षा 8 से कक्षा 9 में जाने वाली बच्चियों को देना ये सब पकड़ में आने के बाद ही तो सही किया गया उससे पहले न जाने कितनी बच्चियों का राशन मारा गया जो लेकर अपने-2 घरों को चली गयी।

 

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