- देसी अंदाज में काम की बात कह गए सुजीत मान
- मौली संवाद कॉन्क्लेवः सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए न्यूट्रिशन की अहमियत पर चर्चा
- पूर्व में अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार जीत चुके हैं सुजीत
- राष्ट्रीय खेलों में कॉन्क्लेव की सीरीज, रोज हो रहे सत्र
रेसलिंग की दुनिया में सुजीत मान का जाना पहचाना नाम रहा है। फिर चाहे एक खिलाड़ी की भूमिका रही हो या अब कोच की भूमिका। दोनों क्षेत्र के प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके खाते में हैं। यानी वह अर्जुन व द्रोणाचार्य दोनों पुरस्कार जीत चुके हैं। शनिवार को वह राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आयोजित मौली संवाद कॉन्क्लेव में शामिल हुए। देसी अंदाज में उन्होंने कई काम की बातें खिलाड़ियों और छात्रों से साझा कीं।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित कॉन्क्लेव में सुजीत मान ने खेलों में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए न्यूट्रिशन की अहमियत को बेहद सरल शब्दों में समझाया। इस क्रम में फिल्म दंगल का जिक्र आया, तो विनेश फोगाट के ओलंपिक में स्वर्ण पदक से चूक जाने का भी। कॉन्क्लेव का विषय था-एडवांस स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन फॉर पीक परफॉर्मेस। विषय से जुड़े तकनीकी पक्षों को सामने रखने में डा कोमी कल्पना का अनुभव भी सत्र में दिखाई दिया। उन्होंने न्यूट्रिशन लेने के अलावा रोजाना तीन लीटर पानी अनिवार्य रूप से पीने पर जोर दिया। संचालन करते हुए पीईएफआई के सचिव डॉ पीयूष जैन ने भी कई अहम बातें कीं। राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा ने भी न्यूट्रिशन पर चर्चा की। कॉन्क्लेव में तीन फरवरी को द साइंस ऑफ हाई परफॉर्मेंस कोचिंग और एंडी डोपिंग अवेयरनेस विषय पर सत्र होंगे।
हमने कभी नहीं जाना मोमो, गोलगप्पे क्या हैं