अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री धामी पर साधा निशाना…सीएम योगी आदित्यनाथ को उत्तराखंड बुलाने की दी नसीहत
पूर्व सीएम एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का हेलिकॉप्टर कम विजिबिलिटी से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से नहीं उड़ सका था। इंतजार के बाद वह रात्रि विश्राम के लिए हरिद्वार पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधा।
श्रवणनाथ नगर स्थित होटल में ठहरे अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा, आज कोई भी भाजपाई नाले और सीवर से दूषित हो रही गंगा का आचमन नहीं कर सकता है। भाजपा सरकारों को अपनी सबसे ज्यादा नापसंद बताते हुए कहा, अपने कार्यकाल में उन्होंने हल्द्वानी के लिए फोरलेन बनाई, लेकिन सरकार आज तक हाईवे के उस हिस्से को नहीं बना सकी जो इनके हिस्से में है।
यूपी विस के उपचुनाव में भाजपा की 100 फीसदी हार का दावा करते हुए कहा, अग्निवीर योजना का यहां के युवाओं को विरोध करना चाहिए। योजना फौजी को सम्मान दिलाने वाली नहीं, बल्कि सम्मान छीनने वाली योजना है। कहा, जीएसटी व्यापार को आसान करने के लिए थी, लेकिन भाजपा ने इसे ऐसा बना दिया कि आम व्यापारी इससे परेशान हो रहे हैं। कहा, भाजपा के खास लोगों को इससे ज्यादा मुनाफा हो रहा है। भाजपा की मुनाफाखोरी और चंदा वसूली की वजह से महंगाई बढ़ रही है।
योगी को उत्तराखंड बुलाने की दी नसीहत
बंटोगे तो कटोगे नारे पर अखिलेश ने कहा, भाजपा नकारात्मक राजनीति कर रही है। इस नारे का भाजपा में भी विरोध हो रहा है। कई लोगों ने इस नारे से किनारा कर लिया है। इस नारे को ठीक करने के लिए सुझाव दे रहे हैं। सवाल पूछने वाले पत्रकारों से कहा, यदि उन्हें यह नारा ज्यादा प्रिय लग रहा तो नारा देने वाले को वह उत्तराखंड बुला लें। कहा, जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था तो वे भी सदन में थे।
उस समय नेताजी मुलायम सिंह यादव ने यहां के विकास के लिए विशेष पैकेज देने की मांग सदन में रखी थी। कहा, एनडी तिवारी उस समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने और उनके कार्यकाल में उत्तराखंड में औद्योगिक विकास हुआ। उसके बाद पंतनगर और हरिद्वार की सब इंडस्ट्री खत्म होती चली गईं। जिस लक्ष्य से उत्तराखंड को बनाया गया था कि यहां के लोगों को खुशहाली मिलेगी। उद्योग लगेंगे तो नौजवानों को नौकरी मिलेगी, कारोबार बढ़ेगा। वह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
ये रहे मौजूद
सपा प्रदेश अध्यक्ष शंभू प्रसाद नौटियाल, डाॅ. सत्यनारायण सचान, चंद्रशेखर यादव, आशीष यादव, डाॅ. राजेंद्र पराशर, श्रवण शंखधर, लवदत्ता आदि।