टीचर स्‍कूल नहीं पहुंचे तो छात्र-छात्राओं ने खुद पेपर व उत्तर पुस्तिकाएं बांटी और दे डाली परीक्षा

उत्तराखंड के टिहरी के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में शिक्षकों की अनुपस्थिति में छात्र-छात्राओं ने खुद ही गणित और कला विषय की परीक्षा दे डाली। विद्यालय में तैनात दो शिक्षकों में से कोई भी परीक्षा कराने नहीं पहुंचा। इस घटना ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है। शिक्षा विभाग ने लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई और परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की बात कही है।

सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि विद्यालय में पढ़ाने के लिए तो छोड़िए, परीक्षा संपन्न कराने के लिए भी शिक्षक न हो

इसकी बानगी टिहरी जिले के जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में तब देखने को मिली, जब शिक्षकों की मौजूदगी के बिना ही 18 छात्र-छात्राओं ने गणित व कला विषय की परीक्षा दे दी। हैरत देखिए कि विद्यालय में तैनात दो में एक भी शिक्षक परीक्षा कराने के लिए उपस्थित नहीं था।
लापरवाही पर शिक्षक निलंबित
हालांकि, अब शिक्षा विभाग लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही और परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की बात कह रहा है। वहीं मामले में डीएम ने लापरवाही पर शिक्षक को निलंबित कर दिया है।

जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में इन दिनों अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। बुधवार को छठी से आठवीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं की गणित व कला विषय की परीक्षा होनी थी, लेकिन कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचा। ऐसे में बच्चे स्वयं ही प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं बांटकर परीक्षा देने लगे।

स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण वह अस्पताल चले गए थे शिक्षक
प्रश्नपत्र हल करने के बाद बच्चे घर भी लौट गए, लेकिन शिक्षकों ने फिर भी विद्यालय पहुंचना जरूरी नहीं समझा। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक प्रमोद रावत के अलावा एक महिला शिक्षक बीरू देवी भी तैनात है। प्रधानाध्यापक से जब अनुपस्थित रहने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण वह अस्पताल चले गए थे। वहीं, शिक्षक बीरू देवी जूनियर हाईस्कूल समणगांव से स्थानांतरण के बाद नेल्डा में ज्वाइनिंग भी दे दी है, लेकिन सेवा समणगांव में ही दे रही हैं।