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चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बदीनाथ हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण।

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/ चमोली/ जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बदीनाथ हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण।*

कार्यदायी संस्था को सड़क सुरक्षा के साथ हाईवे सुचारू बनाए रखने के दिए निर्देश।*

/ जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बुधवार को एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों के साथ बद्रीनाथ हाईवे पर कमेडा, चटवापीपल और नंदप्रयाग में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को जल्द से जल्द हाईवे सुचारू करने के साथ ही भूस्खलन क्षेत्रों पर स्थाई ट्रीटमेंट हेतु शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को असुविधा न हो।

जिलाधिकारी ने एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि चटवापीपल के पास भूस्खलन क्षेत्र में तत्कालिक समाधान के लिए गेबियन वॉल लगाने के साथ यहां पर सड़क को कम से कम 6 मीटर तक चौडा किया जाए। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के दोनों तरफ चेतावनी साइन बोर्ड लगाए जाए। सुरक्षा के लिए हाईवे पर खाई की तरफ ड्रम और रिफ्लेक्टर लगाए जाए। ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के आसपास अतिरिक्त मैनपॉवर और मशीनों की तैनाती रखी जाए। जिलाधिकारी ने डीजीएम को भूस्खलन क्षेत्रों के स्थायी समाधान के लिए तकनीक सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिए है।

कमेडा में निरीक्षण के दौरान एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि कमेडा स्लाइड जॉन के ट्रीटमेंट के लिए शासन से 5.50 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हो गई है। शीघ्र ही कमेडा में स्थायी ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा। जबकि नंदप्रयाग में करीब आधा किलोमीटर पर डेवलप नए भूस्खलन जॉन का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही नंदप्रयाग स्लाइड जॉन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए काम शुरू किया जाएगा। जिलाधिकारी ने नंदप्रयाग में हाईवे पर भूस्खलन से आए मलबे का भी त्वरित निस्तारण करने के निर्देश अधिकारियों दिए।

कमेडा और नंदप्रयाग में भारी भूस्खलन से हाईवे बार बार बाधित हो रहा है। जबकि चटवापीपल के पास नया भूस्खलन जोन डेवलप होने से विगत चार दिनों से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई है। कार्यदायी संस्था यहां पर निरंतर काम कर रही है। हाईवे बंद होने पर जिला प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों को उचित स्थानों पर ठहराने के साथ भोजन, पेयजल और अन्य राहत सामग्री बांटी जा रही है।