रुड़की।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में एक करोड़ का गबन करने के मामले में जेल में बंद आरोपी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर गबन के उसे सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती कराया गया था। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के स्वजनों को मामले की सूचना दी तो वे भी रूड़की पहुंचे।पिछले साल 11 दिसंबर को आईआईटी रुड़की के रजिस्ट्रार प्रशांत गर्ग ने अपने ही संस्थान के डीन आफिस में तैनात सीनियर असिस्टेंट क्लर्क धीरज कुमार उपाध्याय निवासी पटेरहा, थाना पडारौना, जिला कुशीनगर, उप्र हाल निवासी ग्राम भंगेड़ी, कोतवाली रुड़की में गबन का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में बताया था कि संस्थान के खाते में जमा होने वाली रकम में हेराफेरी कर उसे अपने खाते में ट्रांसफर कराया गया है।आरोप था कि 13 बैंकों के ट्रांजेक्शन के माध्यम से एक करोड़ पांच लाख 35 हजार 753 रुपये का गबन किया गया है। कर्मचारी पर पिछले चार साल से गबन करने के आरोप थे। इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने 26 अक्टूबरको धीरज उपाध्याय को उसके भंगेडी स्थित मकान से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।रुड़की उपकारागार के जेलर जेपी द्विवेदी ने बताया कि शुक्रवार को धीरज उपाध्याय की जेल के हवालात दफ्तर में ड्यूटी लगाई गई थी। धीरज उपाध्याय नहाने के बाद खाना खाने के लिए गया था। दोपहर करीब 11 बजकर 40 मिनट पर अचानक ही उसके सीने में बायें तरफ दर्द हुआ। जिसके बाद जेल के अस्पताल में चिकित्सक नितेश ने उनकी जांच की तो हार्ट में दिक्कत की बात सामने आई। जिसके बाद आननफानन में बंदी को सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती कराया गया। सिविल अस्पताल में दोपहर एक बजे चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बंदी की मौत की खबर गंगनहर कोतवाली पुलिस को दी गई।गंगनहर कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। जेलर जेपी द्विवेदी ने बताया कि मृतक के भंगेड़ी में रहने वाले स्वजन को मामले की सूचना दे दी गई है। जिसके बाद स्वजन भी सिविल अस्पताल पहुंचे। बंदी की हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई गई है। इस मामले में जेलर ने जेल अधीक्षक के माध्यम से जिलाधिकारी को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी है। जिलाधिकारी की तरफ से इस मामले में जांच के लिए जल्द ही मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे।