अल्मोड़ा : 

जेल से रंगदारी और चरस तस्करी गिरोह संचालित कर रहे कुख्यात गैंगस्टर कलीम के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ ही अल्मोड़ा पुलिस ने सोमवार देर शाम बड़ी कार्रवाई की। जिला जेल में छापेमारी कर कलीम की बैरक से 1.30 लाख रुपये नकद, तीन मोबाइल सेट, चार सिम व 60 ग्राम चरस बरामद की। कलीम को कोरोनाकाल में हरिद्वार जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। यहीं से उसने गिरोह संचालित करना शुरू कर दिया। इस मामले में जेल के एक कर्मचारी को भी एसटीएफ ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

 

अल्मोड़ा जिला जेल में सोमवार देर शाम एसटीएफ कुमाऊं प्रभारी एमपी सिंह की अगुआई में कोतवाली पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। संदेह के घेरे में आए बंदियों की बैरकों की तलाशी ली। इस दौरान कुख्यात कलीम की बैरक में पहुंचते ही टीम दंग रह गई। वहां नकदी, मोबाइल सेट, सिम व चरस की बरामदगी हुई। सूत्रों के अनुसार कलीम जेल में ही एंड्रायड मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था। इसमें जेल के कुछ कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है।

कलीम ने अल्मोड़ा जेल से ही गढ़वाल के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र निवासी प्रापर्टी डीलर मोनू त्यागी से सात सितंबर को एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। कलीम के गुर्गों ने रंगदारी मांगने से पहले प्रापर्टी डीलर के घर के पास हवाई फायरिंग भी की थी।

जांच में पता चला कि कलीम जेल से ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज निवासी अपने गुर्गे को पहले वाट्सएप काल करता था। वहां से रंगदारी के लिए टार्गेट सेट होता और फिर सितारगंज से ही पैसे के लिए फोन जाता। कलीम का नेटवर्क अल्मोड़ा जेल से सितारगंज तक फैला हुआ है। कलीम मूल रूप से गांव किला मंगलौर, रुड़की हरिद्वार का रहने वाला है। उसके खिलाफ कई जिलों में संगीन मामले दर्ज हैं। यहां वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

एसटीएफ ने कलीम गैंग का साथ देने के लिए बिहार से पहुंचे दो शूटरों को हथियारों के साथ हरिद्वार में गिरफ्तार किया है। तीसरा शूटर बहादराबाद के पास दबोचा गया। रेेकी कर सूचना उपलब्ध कराने व बदमाशों को शरण देने के आरोप में मंगलौर से भी एक गैंगस्टर को हिरासत में लिया गया है। एसटीएफ के अनुसार यह गैंग किसी बड़े हमले की तैयारी में था।

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