Home उत्तराखण्ड इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को कर रहे हैं बल प्रदान

इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को कर रहे हैं बल प्रदान

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देहरादून, 1 सितम्बर, 2023: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री, सर्बानंद सोणोवाल ने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023 (जीएमआईएस) पर एक रोड शो का गुवाहाटी में कल औपचारिक उद्घाटन किया। जीएमआईएस, 2023 की भूमिका के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री, सर्बानंद सोणोवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किस प्रकार इनलैंड जलमार्ग परिवहन के वैकल्पिक साधन के रूप में विकसित हुए हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, “इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बल दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने इनलैंड जलमार्ग में साल 2014 से प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ₹5200 करोड़ का निवेश किया है, जिससे इस क्षेत्र को ज़बरदस्त बढ़ावा मिला है। यह सरकार द्वारा इनलैंड जलमार्ग में पिछले 28 वर्षों में किए गए निवेश की तुलना में पिछले 9 वर्षों की अवधि में 200% से ज़्यादा का बड़ा उछाल है। इससे प्रदर्शित होता है कि मोदी सरकार इनलैंड जलमार्गों के विकास को लेकर कितनी ज़्यादा गंभीर है। परिवहन का यह स्वच्छ, प्रभावशाली और किफायती माध्यम भारत के अंदरूनी हिस्सों की आर्थिक क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इनलैंड जलमार्गों में निवेश करके और अपनी समृद्ध एवं जटिल जलमार्ग प्रणाली को मजबूत बनाकर हम इस उद्योग के लिए एक सहयोगपूर्ण परिवेश बनाने की प्रक्रिया में हैं, जिससे हमारे पड़ोसी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत के राज्यों एवं अन्य देशों की व्यापार और वाणिज्य की क्षमताओं का विकास होगा।”

बंदरगाह पर आधारित विकास के महत्व के बारे में बताते हुए सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है, ताकि इसके द्वारा ज़्यादा औद्योगीकरण, मैनुफ़ैक्चरिंग, और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में मदद मिले। भारत सबसे तेजी से विकसित हो रहे समुद्री देशों में से एक है, और हम भारतीयों को विकास एवं परिवर्तन के इस युग का हिस्सा होने पर बहुत गर्व है। प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने न केवल आवश्यक कौशल बल्कि वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता हासिल करने की शक्ति भी पायी है। भारतीय बंदरगाहों के आधुनिकीकरण से भारत के तटीय समुदायों, तटीय जिलों और पूरे देश की उन्नति संभव होगी। भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाकर और बंदरगाह पर आधारित अर्थव्यवस्था का विकास करके औद्योगीकरण, मैनुफ़ैक्चरिंग, एवं ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा दिया जा सकता है।”
ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023 पर इस रोड शो में श्री परिमल सुकलाबैद्य, परिवहन, मत्स्य पालन और उत्पाद शुल्क विभाग मंत्री, असम सरकार; श्री बिमल बोरा, उद्योग एवं वाणिज्य और सार्वजनिक उद्यम, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, असम सरकार; श्री मामा नातुंग जल संसाधन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार; श्री टेम्जेनमेंबा, विधायक एवं सलाहकार (परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा), नागालैंड सरकार; श्री टी. के. रामचन्द्रन, सचिव, एमओपीएसडब्ल्यू; श्री संजीव रंजन, आईएएस, चेयरमैन, नेशनल शिपिंग बोर्ड; श्री संजय बंदोपाध्याय, ; चेयरमैन, आईडब्ल्यूएआई ने भी व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र एवं समुद्री क्षेत्र के अन्य गणमान्य लोगों और अधिकारियों के बीच अपना संबोधन दिया।

इस रोड शो में पड़ोसी देशों, भूटान और बांग्लादेश से भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इन देशों का प्रतिनिधित्व गुवाहाटी में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त, रुहुल अमीन; संयुक्त सचिव, सदस्य (योजना एवं संचालन), बांग्लादेश इनलैंड जलमार्ग परिवहन प्राधिकरण (बीआईडब्ल्यूटीए), मोहम्मद मोनोवर उज़ ज़मान और वाईस कॉन्सुल, रॉयल भूटानी कॉन्सुलेट जनरल, गुवाहाटी, फुरपा शेरिंग ने किया था।
अपने सत्र में बोलते हुए एमओपीएसडब्ल्यू के सचिव, टी. के. रामचंद्र ने कहा, “उत्तर-पूर्व हमारे देश अनछुआ स्वर्ग कहलाता है। इस क्षेत्र में हरे-भरे दृश्य, जीवंत संस्कृतियां, समृद्ध जैव विविधता और प्रचुर नदियाँ हैं, जो इसे एक भौगोलिक लाभ की स्थिति में लेकर आते हैं, ताकि परिवर्तनकारी समाधानों का लाभ उठाकर एशिया प्रशांत के देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।”

उन्होंने इस क्षेत्र को विकास और कनेक्टिविटी का केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। इस क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं के बारे में रामचंद्र ने कहा, “हमने उत्तर-पूर्व में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 20 परियोजनाओं की पहचान कर ली है। इन परियोजनाओं में मौजूदा टर्मिनलों का आधुनिकीकरण, नए टर्मिनलों की स्थापना, पहले और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी में सुधार, औद्योगीकरण, नदी बंदरगाह, और कौशल विकास आदि पहल शामिल हैं। पूर्वी जलमार्ग ग्रिड पर काम करने से म्यांमार, मलेशिया और थाईलैंड सहित पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।”
इस बारे में बोलते हुए भारतीय इनलैंड जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन, संजय बंदोपाध्याय ने वित्त वर्ष 2023 में राष्ट्रीय जलमार्ग पर अब तक के सबसे ज़्यादा कार्गो परिवहन के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की उपलब्धि 2014-15 के बाद से आईडब्ल्यूएआई द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति के बल पर प्राप्त हो सकी। उन्होंने कहा, “प्राधिकरण ने बताया कि 2014-15 में जलमार्ग से 30.40 मिलियन टन कार्गो का परिवहन हुआ। इसके बाद से 315% की असाधारण वृद्धि हो चुकी है। जिस समय पूरे विश्व का व्यापार कड़ी परीक्षा के दौर से गुजर रहा था, उस साल हमारे राष्ट्रीय जलमार्गों से कार्गो परिवहन की यह ज़बरदस्त वृद्धि हमारे अभियानों की प्रभावशीलता और भारत की इनलैंड जलमार्ग प्रणाली की मजबूती का प्रमाण है।”
इस रोड शो में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भी अपना संबोधन दिया, जिनमें फुरपा शेरिंग, वाईस कॉन्सुल, रॉयल भूटानी कॉन्सुलेट जनरल, गुवाहाटी भी शामिल थे। उन्होंने सामूहिक समुद्री दूरदर्शिता के महत्व पर बल दिया। इसके अलावा गुवाहाटी में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त, रुहुल अमीन ने समुद्री क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कुछ प्रमुख बंदरगाह परियोजनाओं के बारे में भी बताया, जिनसे भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग बढ़ेगा। इस कार्यक्रम में मोहम्मद मोनोवर उज़ ज़मान, संयुक्त सचिव, सदस्य (योजना एवं संचालन), बीआईडब्ल्यूटीए ने भी अपने विचार रखे।

इन उल्लेखनीय परियोजनाओं में ₹4,634 करोड़ लागत की जलमार्ग विकास और अर्थ गंगा परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, ब्रह्मपुत्र नदी (NW-2) के विकास के लिए 2020-21 में ₹474 करोड़ दिये गये। पांडु में जहाज मरम्मत सुविधा के लिए ₹208 करोड़ का आवंटन किया गया। इस फंडिंग का विस्तार ₹148 करोड़ की लागत से बराक नदी (NW-16) और भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट जैसे नए राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास के लिए किया गया, और NW-3, NW-4, NW-5 एवं 13 अन्य नए राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए सामूहिक रूप से ₹267 करोड़ दिये गये। इस बढ़ी हुई फंडिंग से राष्ट्रीय जलमार्गों के विस्तृत विकास के नये अभियानों में तेज़ी आयी है।
इस कार्यक्रम में तीन सत्रों का आयोजन हुआ। बुनियादी ढांचे पर एक तकनीकी सत्र में पूर्वोत्तर राज्यों के तकनीकी विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया, मंत्रियों के सत्र के साथ एक व्यापार के लिए समर्पित सत्र में नेताओं और विशेषज्ञों ने इनलैंड जलमार्गों की समृद्ध प्रणाली द्वारा अवसरों के साथ-साथ आर्थिक विकास और क्षेत्रीय व्यापार की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। उद्घाटन सत्र के बाद व्यापारिक वार्ता हुई, जिसमें व्यापारिक और व्यवसायिक निकायों ने क्षेत्र में इनलैंड जलमार्गों में अवसर तलाशे।

गुवाहाटी का यह रोड शो ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023 कार्यक्रम के अन्तर्गत मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे रोड शो की श्रृंखला में पांचवां था। इसका मुख्य कार्यक्रम 17-19 अक्टूबर, 2023 के बीच दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने जा रहा है। इससे पहले, कोलकाता, मैंगलोर, विशाखापत्तनम और गोवा में इसी तरह के रोड शो आयोजित हो चुके हैं। गुवाहाटी के बाद यह रोड शो चेन्नई, भुवनेश्वर, वाराणसी, कोच्चि, अहमदाबाद और बेंगलुरु में भी आयोजित किया जाएगा।