Home उत्तराखण्ड आस्था के धाम में भी राजनीतिकरण का बिगुल फूंका

आस्था के धाम में भी राजनीतिकरण का बिगुल फूंका

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जो कभी नहीं हुआ वह भी हो रहा, पोस्टरों से पटने लगी मंदिर परिसर की दीवारे ……..बाबा केदार के धाम में देश-विदेशों से करोडो श्रद्वालु पहुंचते है और जो भी उनकी मन्नत होती बाबा केदार पूरी करते हैं। परंतु अब इस आस्था के धाम में भी राजनीतिकरण का बिगुल फूंक चुका है। जो सदियों से नहीं हुआ वह अब हो रहा है। केदारनाथ मंदिर के परिसर की दीवारों पर अब प्रचार-प्रसार के पोस्टर लगने लगे है।सबसे बडी बात तो यह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पीएम बनने के बाद पहली बार केदारनाथ आये थे तब उनकी होल्डिंग मंदिर परिसर मे लगाई थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितो के विरोध के बाद हटा दिया गया था। उसके बाद पीएम कई बार केदार बाबा के दर्शनों के लिए आ चुके है और इसके साथ ही धाम में करोडों रूपए नए ड्रीम प्रोजेक्ट भी उनके द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे हैं, लेकिन आज तक धाम मे पीएम के स्वागत या प्रचार में कोई पोस्टर या बैनर नहीं लगे, क्योंकि वह खुद नहीं चाहते और वह इसलिए की आस्था में धाम में राजनीति नहीं हो सकती है।लेकिन आजकल बद्री-केदार मंदिर समिति के नए अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का बैनर चर्चा की विषय बना हुआ है। मंदिर के पीछे परिसर की दीवार बडा सा बैनर लगा हुआ है, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की फोटो है और खूब प्रचार प्रसार हो रहा है। सूत्रों की माने तो कुछ दिन पहले धाम में आए श्रद्वालुओं ने इस पर एतराज जताया था, जिसके बाद मामले ने तूल भी पकडा। यह बताया जा रहा है कि श्रद्वालु कई वर्षों से बाबा के दर्शनों के आते रहते है, लेकिन इस बार बैनर देख उन्होंने इसे गलत ठहराया और इस सम्बंध में उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से भी एतराज जताया। वहीं तीर्थ पुरोहित भी इसके खिलाफ है, लेकिन खुलकर कोई नहीं बोल रहा। खैर कोई कहे या न कहे, लेकिन पहले ऐसी राजनीति बाबा केदार के धाम में नहीं दिखी जो अब दिख रही है।

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