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2 साल में पांच अधिशासी अधिकारियों का बदलना ,नगरपंचायत थराली के लिए अभिशाप बन गया है।

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स्थान / थराली

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला

विकास कार्यों के साथ-साथ नगर की व्यवस्था भी पटरी से उतर चुकी है. लेकिन जनता सवाल कर रही है. क्यों थराली को नगरपंचायत बनाया गया विकासखंड के वह गांव जिनको नगर पंचायत में सम्मिलित किया गया था उन गरीबों पर भी रोजी रोटी का संकट मंडराता नजर आ रहा है .यह हम इसलिए कह रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में तो महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के जरिये कुछ लोग अपनी आजीविका चलाते थे लेकिन नगर पंचायत में सम्मिलित होने के चलते उन गांव के लोगों का रोजगार भी छिन चुका है.नगर पंचायत थराली में नियमित अधिशासी अधिकारी की मांग को लेकर नगर कांग्रेस कमेटी के साथ ही स्थानीय लोगो ने मिलकर उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से जिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन भेजते कर थराली में नियमित अधिशासी अधिकारी की मांग की हैं।

थराली नगर पंचायत के नियमित गठन को 2 वर्ष से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी यहां पर आज तक भी नियमित एवं पूर्ण ईओ की नियुक्ति नही हो पाई हैं। 2 वर्षों के दौरान ही यहां पर कुल 5 अधिशासी अधिकारी को ईओ का अतरिक्त प्रभार दिया गया हैं। वर्तमान में भी ईओ का अतरिक्त चर्ज थराली तहसील में तैनात नायब तहसीलदार रवि शाह को सौंपा गया है।
लगातार ईओ का प्रभार बदलने एवं स्थाई ईओ तैनात ना होने का सीधा प्रभाव इस नगर पंचायत के विकास कार्यों पर तो पड़ ही रहा हैं। इसके अलावा ईओ स्तर से संपादित होने वाले आम नागरिकों को अपने कार्यों के संपादन के लिए भी भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। इस नगर पंचायत में स्थाई ईओ की नियुक्ति की मांग को लेकर अब नगर कांग्रेस कमेटी थराली के साथ ही आम नागरिकों ने उपजिलाधिकारी थराली सुधीर कुमार से भेंट कर उन्हें जिलाधिकारी चमोली को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा हैं। जिसमें तत्काल थराली में स्थाई एवं पूर्ण कालिक ईओ की नियुक्ति की मांग करते हुए जल्द मांग पूरी नही किए जाने पर जन आंदोलन की चेतावनी दी गई हैं।

ज्ञापन में पूर्व जिपंस प्रीतम सिंह रावत,अब्बल सिंह गुसाईं, मनोज चंदोला, मनोज रावत हेमंत चंदोला, आदि के हस्ताक्षर मौजूद हैं।इधर नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अब्बल सिंह गुसाईं, नगर पंचायत के अपर बाजार वार्ड से पार्षद हरीश पंत आदि ने बताया कि नियमित ईओ के अभाव में विकास कार्य तो प्रभावित हो ही रहें हैं। इसके अलावा पंचायत के निर्माण कार्यों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं। बताया कि लंबे समय से धनराशि होने के बावजूद भी पंचायत कार्यालय के द्वारा निर्माण
कार्यों की निविदाएं तक आमंत्रित नही हो पा रही हैं।जिस के कारण तमाम जरूरी कार्य तक नही हो पा रहें हैं।

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